सार
राजस्थान की राजनीति में सबसे बड़ा भूचाल शुरू हो चुका है नेता पायलट शहीद स्मारक पहुंच अपना अनशन शुरू कर चुके है। अंजाम क्या होगा, किसी को नहीं पता। शाम चार बजे तक रहेंगे अनशन स्थल पर। पूरा नेशनल मीडिया मौके पर मौजूद।
जयपुर (jaipur). राजस्थान की राजनीति का सबसे बड़ा भूचाल शुरू हो गया है। यानि सचिन पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठ गए हैं। राजस्थान की कांग्रेस में पहले इतना बड़ा बवाल कभी नहीं हुआ है। लेकिन अब सचिन ने पार्टी में नया बवाल मचा दिया है। अनशन स्थल यानि शहीद स्मारक पर पहुंचने से पहले सचिन पायलट ने ज्योतिबा राव फुले की मूर्ति पर माला और पुष्प चढ़ाए। उसके बाद अपनी गाड़ी में बैठकर वे धरना स्थल पर पहुंचे। वहां पहले से ही नेशनल और स्टेट का मीडिया मौजूद था। बताया जा रहा है कि पांच हजार लोगों और समर्थकों के लिए पांडाल तैयार किया गया है लेकिन शाम तक यहां बीस हजार से भी ज्यादा समर्थक आ सकते हैं।
मंच पर लगी केवल एक ही सीट
अनशन स्थल पर पहुंचने के बाद सचिन पायलट ने तुरुप का इक्का चल दिया। अनशन स्थल पर मंच पर एक ही सीट लगाई गई थी और वह सचिन पायलट की थी। पहले मंच पर कुछ और नेताओं के बैठने का भी बंदोबस्त था लेकिन वह कल रात रद्द कर दिया गया। पायलट ने मंच पर आने के बाद मीडिया का हाथ जोड़कर अभिवादन किया और फिर वे मंच पर आसीन हो गए। वे अपने साथ कुछ पुस्तकें लाए और उन्हें अपने पास ही रख लिया।
पहला ऐसा मंच जहां बोलने के लिए माइक तक नहीं
यह पहला ऐसा मंच नजर आया कि इसमें नेताओं के बोलने के लिए माइक सैट ही नहीं था। पायलट ने अपनी सीट और आगे रखी टेबिल पर माइक सेट नहीं मंगाया। उन्होनें अनशन शुरू करने से पहले अपने कुछ समर्थकों को कहा कि वे इस पूरे अनशन के दौरान कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे जब तक बहुत ज्यादा जरुरी नहीं होगा। मीडिया ने भी उनसे सवाल पूछने की कोशिश की लेकिन उनके समर्थकों ने कहा कि पायलट आज मौन रहेंगे और मौन की ताकत से सरकार को हिलाने की कोशिश करेंगे।
सवेरे तक ये माना जा रहा था कि सचिन पायलट मंच से कुछ भी बोलते हैं तो गहलोत खेमे के नेता अपने स्तर पर सोशल मीडिया के जरिए उसका जवाब देंगे और पायलट के दांव को खत्म करने की कोशिश करेंगे। लेकिन पायलट ने तो ऐसा दांव चल दिया कि अब गहलोत खेमे के पास इसका कोई जवाब नहीं दिख रहा है।