सार
जयपुर. देश के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। डॉ. सिंह भारतीय राजनीति का ऐसा नाम रहे हैं, जिन्होंने अपनी नीतियों और कार्यशैली से देश को नई दिशा दी। उनका जीवन सादगी और कर्तव्यनिष्ठा का उदाहरण रहा है।
मनमोहन सिंह गवर्नर से लेकर देश के वित्त मंत्री और फिर प्रधानमंत्री
अर्थशास्त्र से राजनीति तक का सफर डॉण् मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को हुआ था। पढ़ाई के प्रति उनका लगाव बचपन से ही था, जिसने उन्हें अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री दिलाई। भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर से लेकर देश के वित्त मंत्री और फिर प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने अपने कार्यकाल में ऐतिहासिक निर्णय लिए। 1991 में भारत को आर्थिक संकट से उबारने में उनकी भूमिका को हमेशा याद किया जाएगा।
मनमोहन सिंह का राजस्थान से था गहरा लगाव
राजस्थान से गहरा जुड़ाव राजनीति में अपने अंतिम अध्याय में डॉ. सिंह का राजस्थान से विशेष लगाव रहा। अगस्त 2019 में, राज्यसभा के उपचुनाव में कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार बनाया। बीजेपी ने उनके खिलाफ कोई प्रत्याशी न उतारने का निर्णय लिया, जिससे उनकी जीत तय मानी गई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने डॉ. सिंह के नामांकन और चुनाव प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाई।
आखिरी पारी राजस्थान से राज्यसभा सदस्य के रूप में
राज्यसभा का कार्यकाल और आखिरी पारी राजस्थान से राज्यसभा सदस्य के रूप में डॉ. सिंह ने 19 अगस्त 2019 से 3 अप्रैल 2024 तक का कार्यकाल पूरा किया। हालांकि, कांग्रेस ने उन्हें दोबारा राज्यसभा भेजने का निर्णय नहीं लिया। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने राजस्थान का दौरा किया और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
सादगी और निष्ठा की मिसाल डॉ. मनमोहन सिंह
सादगी और निष्ठा की मिसाल डॉ. मनमोहन सिंह अपने सादगी भरे जीवन और गहरी सोच के लिए जाने जाते थे। वे राजनीति में रहते हुए भी विवादों से दूर रहे और हमेशा देशहित को प्राथमिकता दी। उनका निधन देश के लिए एक बड़ी क्षति है। भारतीय राजनीति में उनकी विरासत और योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
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