भरतपुर. हमारा समाज एक ढर्रे पर चल रहा है जिसमें बेटियां घर के काम करती हैं और बेटे बाहर का काम संभालते हैं। बेटियां घर के काम जैसे खाना पकाना, बर्तन साफ सफाई, रसोई, पढ़ाई इसी में व्यस्त रहती हैं। वहीं बेटे बाहर बाजार के काम, सामान लाना, बेचना, ड्राइविंग आदि। पर जब पिता पर बोझ पड़ता है तो बेटियां भी कंधे मजबूत कर साथ देने खड़ी रहती हैं। ऐसे ही एक बेटी ने अपने गरीब मजदूर पिता को सहारा देने दूध बेचने जैसे मुश्किल काम को चुन लिया। वो मोटरसाइकिल पर कैन बांध हर सुबह दूध बेचने निकल जाती है और करीब रोजाना 90 लीटर दूध बांटकर लौटती है। लड़की की मेहनत से परिवार फल-फूल रहा है। बेटे का फर्ज निभाने वाली इस लड़की के संघर्ष की कहानी आपको झकझोर देगी।