सार

राजस्थान से एक ड्रग फैक्ट्री का खुलासा हुआ है। बी-फार्मेसी के टॉपर ने घर में ही ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री खोल रखी थी। एक करोड़ रुपए किलो आने वाली एमडी ड्रग्स बनाकर बेच रहा था। 

चित्तौड़गढ़। जिले के राशमी थाना क्षेत्र के चटावटी गांव में पुलिस ने ड्रग्स के काले धंधे का भंडाफोड़ किया है।पुलिस ने छापेमारी में केमिकल और कई उपकरणों के जरिए घर में ही एमडीएमए ड्रग्स बनाते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 155 ग्राम एमडीएमए और ड्रग्स बनाने के केमिकल सहित कई उपकरणों को जब्त किए गए हैं। पकड़ा गया जोधपुर का एक आरोपी बी-फॉर्मेसी में टॉपर रहा था। यूट्यूब से ड्रग्स बनाना सीखा था।

155 ग्राम एमडीएम ड्रग मिले
जिले के एसपी राजन दुष्यन्त के मुताबिक पुलिस को सूचना मिली कि ग्राम चटावटी निवासी किशन सिंह और उसका साथी घर पर ही फैक्ट्री लगाकर एमडीएमए ड्रग बनाने का काम कर रहा है। इस पर पुलिस ने घर पर रेड की गई तो घर में किशन सिंह व उसका साथी रामनिवास विश्नोई, निवासी रामडावास जिला जोधपुर रासायनिक पदार्थों की सहायता से एमडीएमए ड्रग बनाते हुए मिले। घर की तलाशी में 155 ग्राम वाणिज्यक मात्रा मे एमडीएमए ड्रग मिलने पर दोनों आरोपियों को एनडीपीएस एक्ट में गिरफतार किया गया है। इसकी कीमत करीब 15 लाख से ज्यादा है।

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ड्रग बनाने के नोट्स भी मिले
एसपी दुष्यंत ने बताया कि जांच के दौरान आरोपी रामनिवास का बी-फार्मा प्रथम श्रेणी में किया जाने और लंबे समय से विभिन्न ड्रग एवं केमिकलों का काम करने के बारे में पता चला है। आरोपी ने यू ट्यूब की सहायता से डेली ओनल की ओर से एमडीएमए ड्रग बनाने की प्रक्रिया को लेकर लिखी कॉपी भी बरामद हुई है।

ये केमिकल बरामद हुए
आरोपियों घर से केमिकल के रूप में हेलीओनल, जाईलिन ऐथेनाल हाइड्रो क्लोराईड ऐसिड, सोडियम कार्बोनाईट, हाईड्रोक्सील एमोनियम क्लोराईड, ट्रेटा हाईड्रेड बरामद हुए। इसके साथ कांच व प्लास्टिक के जार, थर्मामीटर, गैस चुल्हा, गैस सिलेण्डर भी बरामद किये गये हैं। गिरफ्तार आरोपियों से अनुसंधान जारी है।