सार
राजसमंद. राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा इलाके से एक बड़े हदासे की खबर सामने आई है। यहां एक सामुदायिक भवन की दीवार गिरने से चार लोगों की मौत हो गई। जबकि 9 लोग इस घटना में घायल हो चुके हैं। घायलों और मृतकों के शव को निकालने के लिए करीब 6 घंटे से ज्यादा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। तब कहीं जाकर वह बाहर निकल सके। हादसा इतना भयानक था कि कई लोगों के तो हाथ-पैर टूटकर अलग हो गए।
सामुदायिक भवन का चल रहा था निर्माण कार्य...
वर्तमान में राजसमंद जिले के नाथद्वारा में सामुदायिक भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। इसका अभी छत का काम किया जा रहा था। इसी छत से गिरने से पूरा हादसा हुआ। घटना की सूचना मिलने के बाद कलेक्टर भंवरलाल और एसपी मनीष त्रिपाठी भी मौके पर पहुंचे। इसके साथ ही एसडीआरएफ की टीम को भी मौके पर बुलाया गया। फिलहाल मरने वाले लोगों के शव नाथद्वारा के जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाए गए हैं।
एसपी और कलेक्टर भी तुरंत मौके पर पहुंचे...
मीडिया को जानकारी देते हुए एसपी मनीष त्रिपाठी ने कहा कि नाथद्वारा के टिमेला गांव में मेघवाल समाज का सामुदायिक भवन बनवाया जा रहा था।रात करीब 11 बजे इसकी निर्माणाधीन छत नीचे गिर गई। जिसमें कुल 13 मजदूर दब गए। तीन मजदूरों के शव तो 2 घंटे बाद निकल लिए गए। लेकिन एक शव को निकालने में करीब 4-5 घंटे लग गए।
एक शव को निकालने में कई घंटे लगे...
इस घटना में मरने वाले लोगों के नाम कालूलाल, शांतिलाल,भगवतीलाल और भंवरलाल है। प्राथमिक तौर पर अब तक की जानकारी में सामने आया है कि 3 दिन पहले आरसीसी की छत डाली गई थी। इसे चेक करने के लिए ही सभी मजदूर छत पर गए थे। इसी दौरान यह पूरा हादसा हो गया।
छत हो सकती है कमजोर......
हालांकि अभी तक इस हादसे के असल कारणों का पता नहीं चल पाया है। लेकिन माना जा रहा है कि बारिश के चलते यह सब कुछ हुआ है। क्योंकि जब छत डाली जाती है। तो उसे पूरी तरह सूखने में करीब 15 से 20 दिन का समय लग जाता है। लेकिन यदि वहां बारिश होती है या अन्य किसी कारणों से पानी उस पर लगता है तो छत कमजोर हो सकती है।
यह भी पढ़ें-मरते दम तक भी नहीं टूटी दोस्ती, रुला देगी 4 दोस्तों की यह डेथ स्टोरी