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Madurai Train Fire: बेटी के आगे रो पड़ा शख्स-'माफ कर दो, तुम्हारी मां को नहीं बचा सका'
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लखनऊ. तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन पर लखनऊ-रामेश्वरम पर्यटक ट्रेन (Lucknow Rameswaram tourist train) में 26 अगस्त तड़के आग लगने की घटना के बाद से कई चौंकाने वाले किस्से सामने आ रहे हैं। इस हादसे में उत्तर प्रदेश के 10 तीर्थ यात्रियों की मौत हुई थी। हादसे में जान गंवाने वाले सीतापुर के 5 लोगों के शव रविवार देर शाम लाए गए। इस मौके पर नगर विकास राज्यमंत्री राकेश राठौर गुरु और जेल मंत्री सुरेश राही मौजूद थे। हादसे में अपनी पत्नी और बहनाई को गंवाने वाले शिवप्रताप सिंह चौहान अपनी बेटी को देखकर फूट-फूटकर रो पड़े। वो कहने लगे-"मैंने बहुत कोशिश की, बेटी...मुझे माफ कर दो....मैं तुम्हारी मां को नहीं बचा पाया...?"
मिथलेश सिंह उन 10 लोगों में शामिल हैं, जिनकी मदुरै ट्रेन हादसे में जलकर मौत हुई। शिवप्रताप ने जलती ट्रेन से 4 लोगों को बचाया, मगर अपने बहनोई शत्रुदमन सिंह को नहीं बचा पाए।
बता दें सीतापुर के आदर्श नगर मोहल्ल के सबसे अधिक 9 लोग इस धार्मिक यात्रा पर गए थे। सरकार ने सभी मृतकों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपए के मुआवजे की घोषण की है।
ट्रेन में विस्फोटक और गैस सिलेंडर ले जाना गुनाह है, बावजूद ये तीर्थ यात्री सिलेंडर लेकर चढ़े थे। जैसे ही उन्होंने कॉफी के लिए स्टोव जलाया, जोरदार ब्लास्ट हो गया।
मदुरै ट्रेन हादसे में जीआरपी ने यूपी के सीतापुर स्थित भसिन ट्रैवल एजेंसी के खिलाफ केस दर्ज किया है। ट्रैवल एजेंसी संचालक ने IRCTC के जरिए कोच बुक किया था।
जिस कोच में आग लगी थी, उसमें UP के 63 लोग सफर कर रहे थे। ये लोग दक्षिणी राज्यों की तीर्थ यात्रा पर निकले थे।
26 अगस्त तड़के हुए इस हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई थी। 50 से अधिक झुलस गए।
यह प्राइवेट कोच 25 अगस्त को नागरकोल जंक्शन पर पुनालूर-मदुरै एक्सप्रेस (16730) से जोड़ा गया था। 26 अगस्त को ट्रेन तड़के 3 बजकर 47 मिनट पर मदुरै रेलवे स्टेशन पहुंची, तभी यह हादसा हुआ था।
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