यूपी में बीते दिनों नागरिकता कानून को लेकर कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए। जांच में हिंसा के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की भूमिका सामने आई। जिसके बाद अब यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने गृह विभाग को पत्र लिख पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है।
पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि कुछ दिन पहले आरोपी आयशा ने एक सिम खरीदा था, जिसका नंबर दुकानदार ने लिखकर एक पर्ची पर उसे दिया था। उस समय आयशा वही जैकेट पहने थी (जिसे उसने आलिया को पहनाया था।) में रख लिया और बाद में भूल गई। जिसके कारण उसके गुनाहों से पर्दा उठ गया।
मां-पिता ने कहा जब बेटा फंदे पर झूला तो साथी बच्चे डर के मारे भाग गए। अगर वे उसी समय सूचित कर देते तो बेटे की जान बच सकती थी।
वाराणसी में 20 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शनकारियों ने जुलूस निकाला था। प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था। इस दौरान 12 वर्षीय किशोर की भीड़ की चपेट में आने से मौत हो गई थी।
प्रियंका वाड्रा ने कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवा धारण किया है। यह भगवा उनका नहीं है। भगवा हिंदुस्तान की आध्यात्मिक संस्कृति और हिन्दू धर्म का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को यहां आना था, लेकिन दिल्ली में मौसम बहुत खराब है। ऐसी स्थिति नहीं थी कि हवाई जहाज उड़ सके।
यूपी के उन्नाव जिले में एक लड़की ने अपने पिता और भाई पर रेप करने का आरोप लगाया है। यही नहीं, पैसों के खातिर अन्य लोगों से भी दुष्कर्म करवाया। इस दौरान जब वह प्रेग्नेंट हो गई तो उसकी शादी करा दी गई।
43वें हिंदी सम्मान समारोह के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य को साहित्य भूषण सम्मान से नवाजा। सम्मान में सीएम ने उन्हें दो लाख रूपए की धनराशि भी दी।
सीएम योगी के भगवा कपड़े पर प्रियंका गांधी के बयान के बाद यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कांग्रेस महासचिव को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा, प्रियंका हिंदुत्व से अंजान हैं। उन्होंने हिंदुओं की बेइज्जती की है। भगवा चोले पर आक्षेप किया। भगवा पहनावे और परंपरा के बारे में उन्हें जानकारी नहीं। वो उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने हिंसा की।
सीएम ने कहा कि सत्य व धर्म से नहीं हटना, कुशल वक्तव्य करना, माता व पिता को देव समझना, आचार्य व अतिथि देवो भवः की सोच गुरुकुलों में होती है। यह सीख शिक्षण संस्थानों और महाविद्यालयों में दी जानी चाहिए।