Uttar Pradesh Society Registration Law: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नया सोसाइटी पंजीकरण एक्ट लागू करने की तैयारी तेज की है। इसमें पारदर्शिता, जवाबदेही, संपत्ति सुरक्षा, ऑनलाइन पंजीकरण और विवादों के त्वरित निस्तारण पर जोर दिया जाएगा।
UP New Society Registration Act 2025: उत्तर प्रदेश की संस्थाओं के संचालन और प्रबंधन में पारदर्शिता लाने के लिए योगी सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संकेत दिया है कि राज्य में जल्द ही नया सोसाइटी पंजीकरण एक्ट लागू किया जाएगा। यह कानून 1860 के पुराने अधिनियम की जगह लेगा और इसका मकसद संस्थाओं में विवादों को कम करना, संपत्तियों का पारदर्शी प्रबंधन सुनिश्चित करना और जवाबदेही की मजबूत व्यवस्था स्थापित करना होगा।
क्यों जरूरी है नया एक्ट?
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा अधिनियम में पारदर्शिता और जवाबदेही के स्पष्ट प्रावधानों का अभाव है। संस्थाओं के पंजीकरण, नवीनीकरण और संपत्ति प्रबंधन में कई खामियां हैं। निष्क्रिय और संदिग्ध संस्थाओं के विघटन, संपत्तियों की सुरक्षा, वित्तीय अनुशासन और चुनावी विवादों के निस्तारण जैसी व्यवस्थाएं वर्तमान कानून में कमजोर हैं। ऐसे में युगानुकूल अधिनियम की आवश्यकता है।
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संपत्तियों की बिक्री पर रोक, विवादों का समाधान
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रस्ट हो या सोसाइटी, कुछ लोगों की मनमानी रोकने के लिए ठोस व्यवस्था जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विवाद की स्थिति में प्रशासक की नियुक्ति सही समाधान नहीं है, बल्कि प्रबंध समिति को ही अपने विधान के अनुसार निर्णय लेना चाहिए।
ऑनलाइन और केवाईसी आधारित प्रक्रिया
नए अधिनियम में पंजीकरण और नवीनीकरण की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन और केवाईसी आधारित बनाने पर जोर दिया जाएगा। वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता लाने के लिए ऑडिट व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने की भी तैयारी है।
आठ लाख से अधिक संस्थाओं को होगा लाभ
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में आठ लाख से अधिक संस्थाएँ पंजीकृत हैं, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, सामाजिक समरसता, उद्योग और खेल जैसे क्षेत्रों में कार्यरत हैं। नए कानून से इनके संचालन में पारदर्शिता बढ़ेगी और समाजोपयोगी कार्यों को और प्रोत्साहन मिलेगा।
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