vaishakh sankashti chaturthi vrat katha: इस बार 27 अप्रैल, शनिवार को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इस व्रत का खास महत्व है।
Vikat Sankashti Chaturthi 2024 Date: धर्म ग्रंथों के अनुसार, एक साल में 4 बड़ी चतुर्थी होती है। इन चारों चतुर्थी तिथियों पर भगवान श्रीगणेश का विशेष पूजन किया जाता है। अप्रैल 2024 के अंतिम सप्ताह में भी बड़ी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा।
28 मार्च, गुरुवार को संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। गुरुवार को सुस्थिर वर्धमान, हर्षण और वज्र नाम के 4 योग रहेंगे। राहुकाल दोपहर 02:03 से 03:34 तक रहेगा। गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए।
Sankashti Chaturthi February 2023: धर्म ग्रंथों के अनुसार चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान श्रीगणेश हैं। इसलिए हर महीने के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश की विशेष पूजा और व्रत किया जाता है। इन चतुर्थी व्रतों के कईं विशेष नाम भी हैं।
Aaj ka Panchang: 30 दिसंबर, शनिवार को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। इस दिन आश्लेषा नक्षत्र होने से मानस नाम का शुभ योग बनेगा। राहुकाल सुबह 09:50 से 11:09 तक रहेगा। इस दिन पूर्व दिशा में यात्रा न करें।
Kab Hai Akhurath Sankashti Chaturthi 2023: पौष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। इस दिन भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत-पूजा की जाती है। इस व्रत की कथा राक्षसों के राजा रावण से जुड़ी है।
Akhuratha Chaturthi 2023 Kab Hai: पौष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इस व्रत का महत्व अनेक धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस बार ये व्रत दिसंबर 2023 के अंत में किया जाएगा।
Panchang 30 november 2023: 30 नवंबर को पहले आर्द्रा नक्षत्र होने से काण और पुनर्वसु नक्षत्र होने से सिद्धि नाम के योग बनेंगे। इनके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि, शुभ और शुक्ल नाम के 3 अन्य शुभ योग भी रहेंगे। राहुकाल दोपहर 01:35 से 02:55 तक रहेगा।
Sankashti Chaturthi 2023: प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी क व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान श्रीगणेश के साथ-साथ चंद्रमा की पूजा भी की जाती है। इस व्रत को करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
3 सितंबर, रविवार को पहले रेवती नक्षत्र होने से वर्धमान और इसके बाद अश्विनी नक्षत्र होने से आनंद नाम का शुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन वृद्धि और ध्रुव नाम के 2 अन्य शुभ योग भी बनेंगे। राहुकाल शाम 05:06 से 06:39 तक रहेगा।