सार
धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव ने श्रीराम की सहायता के लिए हनुमान के रूप में अवतार लिया था। जब भी श्रीराम पर कोई विपदा आई, हनुमानजी ने अपने पराक्रम और सूझ-बूझ से उसे दूर किया।
उज्जैन. चैत्र मास की पूर्णिमा पर हर साल हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti 2022) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 16 अप्रैल, शनिवार को है। इस दिन हर्षण और रवि नाम के शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते ये पर्व और भी खास हो गया है। हनुमानजी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए अनेक मंत्र, स्तुति और स्त्रोतों की रचना की गई है। बजरंग बाण (Bajrang Baan) भी उनमें से एक है। इसका पाठ करने से हर तरह की परेशानी दूर हो सकती है। बजरंग बाण का पाठ कैसे करें, जानिए...
ये भी पढ़ें- Hanuman Jayanti 2022: हनुमानजी ने किन राक्षसों का किया वध, जब रावण से युद्ध किया तो क्या हुआ?
दोहा
निश्चय प्रेम प्रतीत ते, विनय करें सनमान ॥
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥
चौपाई
जय हनुमंत संत हितकारी ॥ सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥1॥
जन के काज विलम्ब न कीजै ॥ आतुर दौरि महा सुख दीजै ॥2॥
जैसे कूदि सुन्धु वहि पारा ॥ सुरसा बद पैठि विस्तारा ॥3॥
आगे जाई लंकिनी रोका ॥ मारेहु लात गई सुर लोका ॥4॥
जाय विभीषण को सुख दीन्हा ॥ सीता निरखि परम पद लीन्हा ॥5॥
बाग उजारी सिंधु महं बोरा ॥ अति आतुर जमकातर तोरा ॥6॥
अक्षय कुमार मारि संहारा ॥ लूम लपेट लंक को जारा ॥7॥
लाह समान लंक जरि गई ॥ जय जय धुनि सुरपुर में भई ॥8॥
अब विलम्ब केहि कारण स्वामी ॥ कृपा करहु उन अन्तर्यामी ॥9॥
जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता ॥ आतुर होय दुख हरहु निपाता ॥10॥
जै गिरिधर जै जै सुखसागर ॥ सुर समूह समरथ भटनागर ॥11॥
जय हनु हनु हनुमंत हठीले ॥ बैरिहि मारु बज्र की कीले ॥12॥
गदा बज्र लै बैरिहिं मारो ॥ महाराज प्रभु दास उबारो ॥13॥
ॐ कार हुंकार महाप्रभु धावो ॥ बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो ॥14॥
ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा ॥ ॐ हुं हुं हनु अरि उर शीशा ॥15॥
सत्य होहु हरि शपथ पाय के ॥ रामदूत धरु मारु जाय के ॥16॥
जय जय जय हनुमंत अगाधा ॥ दुःख पावत जन केहि अपराधा ॥17॥
पूजा जप तप नेम अचारा ॥ नहिं जानत हौं दास तुम्हारा ॥18॥
वन उपवन, मग गिरि गृह माहीं ॥ तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ॥19॥
पांय परों कर जोरि मनावौं ॥ यहि अवसर अब केहि गोहरावौं ॥20॥
जय अंजनि कुमार बलवन्ता ॥ शंकर सुवन वीर हनुमंता ॥21॥
बदन कराल काल कुल घालक ॥ राम सहाय सदा प्रति पालक ॥22॥
भूत प्रेत पिशाच निशाचर ॥ अग्नि बेताल काल मारी मर ॥23॥
इन्हें मारु तोहिं शपथ राम की ॥ राखु नाथ मरजाद नाम की ॥24॥
जनकसुता हरि दास कहावौ ॥ ताकी शपथ विलम्ब न लावो ॥25॥
जय जय जय धुनि होत अकाशा ॥ सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा ॥26॥
चरण शरण कर जोरि मनावौ ॥ यहि अवसर अब केहि गौहरावौं ॥27॥
उठु उठु उठु चलु राम दुहाई ॥ पांय परों कर ज़ोरि मनाई ॥28॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता ॥ ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता ॥29॥
ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल ॥ ॐ सं सं सहमि पराने खल दल ॥30॥
अपने जन को तुरत उबारो ॥ सुमिरत होय आनन्द हमारो ॥31॥
यह बजरंग बाण जेहि मारै ॥ ताहि कहो फिर कौन उबारै ॥32॥
पाठ करै बजरंग बाण की ॥ हनुमत रक्षा करैं प्राण की ॥33॥
यह बजरंग बाण जो जापै ॥ ताते भूत प्रेत सब कांपै ॥34॥
धूप देय अरु जपै हमेशा ॥ ताके तन नहिं रहै कलेशा ॥35॥
दोहा
प्रेम प्रतीतहि कपि भजै, सदा धरैं उर ध्यान ॥
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्घ करैं हनुमान ॥
ये भी पढ़ें- Hanuman Jayanti 2022 Puja Vidhi: जानिए, हनुमानजी की पूजा से जुड़ी हर वो बात जो आप जानना चाहते हैं
इस विधि से करें बजरंग बाण का पाठ...
सुबह स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनकर एक लाल कपड़े पर हनुमान की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। हनुमानजी को अबीर, गुलाल आदि चढ़ाएं और लाल फूल अर्पित करें। गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं तो पाठ के अंत तक जलता रहे। घर में बने शुद्ध घी के चूरमे का भोग लगाएं। अगर संभव न हो तो गुड़-चने का भोग भी लगा सकते हैं। इसके बाद बजरंग बाण का पाठ करना शुरू करें। पाठ समाप्त होने पर हनुमानजी के कष्टों का निवारण करने के लिए प्रार्थना करें।
ये भी पढ़ें-
Hanuman Jayanti 2022: हनुमान जयंती पर राशि अनुसार करें ये आसान उपाय, जाग जाएगी सोई हुई किस्मत
सूर्य के राशि बदलते ही खत्म हुई शुभ कार्यों पर लगी रोक, अगले 4 महीनों में विवाह के लिए 33 शुभ मुहूर्त
hanuman jayanti 2022: पवन पुत्र हनुमान की रहेगी असीम कृपा, अपने दोस्तों और परिवार वालों को भेंजे ये मैसेज-फोटो
Hanuman Jayanti 2022: ये हैं हनुमानजी के 5 प्रसिद्ध मंदिर, सभी से जुड़ी हैं अनोखी मान्यताएं और परंपराएं
Hanuman Jayanti 2022: साल में 1 नहीं 2 बार मनाई जाती है हनुमान जयंती, जानिए क्या है इसके पीछे का कारण?
Hanuman Jayanti 2022: इस मंदिर में पत्नी के साथ स्थापित हैं हनुमानजी, दर्शन से वैवाहिक जीवन रहता है सुखी
Hanuman Jayanti 2022 Upay: हनुमान जयंती पर करें ये आसान उपाय, धन लाभ के साथ होंगे दूसरे फायदे भी