सार

यूपी चुनाव को लेकर जयंत चौधरी ने वोटर्स के नाम एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी के जरिए ही उन्होंने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। जयंत ने लिखा कि,उत्तर प्रदेश में बीते 5 साल सत्ता में बैठे लोगों की दुर्भावनाओं और कुशासन के कारण जनविरोधी रहे हैं। किसान के बढ़ते बोझ के विरुद्ध जब जब स्वर उठे, उन्हें कुचलने का प्रयास किया हुआ। सत्ताधीशों ने सामाजिक द्वेष, जातिगत और धार्मिक उन्माद फैलाकर जनता को बांटने का काम किया।
 

लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने वोटर्स के नाम पर एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी (Open Letter) के जरिए उन्होंने कहा कि है बीते पांच साल सत्ता में बैठे लोगों की दुर्भावनाओं और कुशासन के कारण जनविरोधी रहे हैं। इसी के साथ उन्होंने आरोप लगाया है कि सत्ताधीशों ने राजनीतिक द्वेष, जातिगत और धार्मिक उन्माद फैलाकर जनता को बांटने का काम किया है। 
जयंत चौधरी में अपनी चिट्ठी में लिखा कि-

"उत्तर प्रदेश भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मेरे दादाजी स्व. चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि है। उन्होंने देश के किसानों को उनके अधिकार दिलाए और वंचित, ग्रामीण समाज का सहारा बने। उनके उपरांत आप सभी के सहयोग और साथ से मेरे पिताजी स्व. चौधरी अजीत सिंह ने किसानों-मजदूरों के आर्थिक उत्थान का रास्ता खोला। उनके सच्चे और सरल स्वभाव को आप सभी ने खुद ही महसूस किया है। यह दोनों हमारी स्मृतियों में हमेशा रहेंगे। 
जन सेवा की भावना और सर्व समाज का विश्वास ही मेरी विरासत और जीवन की पूंजी है। हम मिलकर राष्ट्रीय लोकदल के विचारों को जन-जन तक ले जाने के लिए कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रीय लोकदल हर वर्ग, हर समुदाय, हर लोक जन की आवाज बनकर आगे बढ़ रहा है। 

इस पत्र के माध्यम से कुछ बातें आपके ध्यान में लाना चाहूंगा। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में बीते 5 साल सत्ता में बैठे लोगों की दुर्भावनाओं और कुशासन के कारण जनविरोधी रहे हैं। किसान के बढ़ते बोझ के विरुद्ध जब जब स्वर उठे, उन्हें कुचलने का प्रयास किया हुआ। सत्ताधीशों ने सामाजिक द्वेष, जातिगत और धार्मिक उन्माद फैलाकर जनता को बांटने का काम किया। जहां मौजूदा सरकार में साल दर साल दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं तो वहीं महिलाओं की सुरक्षा भी सवालों के घेरे में रही। हर ओर वैमनस्य और आराजकता का माहौल बनाया गया। लेकिन हमने आपसी भाईचारे और सामाजिक सौहार्द से कुंठित मानसिकता के विचारों को अपने बीच हावी होने से रोक दिया। मुझे यह आप सभी के सहयोग से ही संभव जान पड़ा, यह सहयोग मेरे लिए गौरवान्वित करने वाला है। 

आज मेरी जिम्मेारियों के निर्वाह में आप सभी की भागीदारी मेरे लिए बहुत ही जरूरी है। मैं करबद्ध होकर पुनः आप सभी से आपका स्नेह और आशीर्वाद मांगता हूं। आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपके हित के संरक्षण के लिए समर्पित रहूंगा। जाति और धार्मिक पहचान पर टिके भेदभाव के विरुद्ध, आपके नागरिक अधिकारों और हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए प्रतिबद्ध रहूंगा। 

जय हिंद, जय उत्तर प्रदेश 
आपका जयंत सिंह "

 

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