India@75: अशफाकउल्ला खान, जिन्होंने देश के लिए हंसते हंसते दी प्राणों की आहुती
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन (Indian Freedom Movement) में भारतीय क्रांतिवीर अशफाकउल्ला खान ने ब्रिटिश हूकूमत के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया था। अशफाक उल्ला खान भगत सिंह के साथ हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सह-संस्थापक थे। कारोरीर कांड से उन्होंने सुर्खियां बटोरी
वीडियो डेस्क। आजादी के अमृत महोत्सव में आज बात उस युवा की जिसने ब्रिटिश शास ने के खिलाफ लड़ाई लड़ी। अशफाकउल्ला खान। शहीद भगत सिंह के साथ हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सह-संस्थापक थे अशफाक। उनका जन्म यूपी के शाहजहांपुर में एक पठान परिवार में हुआ था। बचपन से ही उनके अंदर राष्ट्र प्रेम की भावना थी। चौरी चौरा की हिंसक घटना के बाद गांधीजी द्वारा असहयोग आंदोलन को वापस लेने से मोहभंग हो चुके युवा राष्ट्रवादियों में खान भी शामिल थे। उन्होंने विदेशी शासन के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह के लिए एक नए संगठन का गठन किया। 9 अगस्त, 1925 को, खान, चंद्रशेखर आज़ाद और उनके दोस्तों ने लखनऊ के पास काकोरी में एक सरकारी ट्रेन को रास्ते से हटाकर और लूट कर सुर्खियां बटोरीं। उनका इरादा अपने संगठन के लिए धन जुटाना था। लेकिन ये इतना आसान नहीं था... जानिए अशफाकउल्ला की कहानी।