क्या इन तीन दिग्गजों की तिकड़ी बिगाड़ेगी चुनावी समीकरण?
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के चुनावी मैदान में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के भाजपा-जदयू-हम-वीआईपी और महागठबंधन की राजद, कांग्रेस और वामदलों के अलावा उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP), असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन(AIMIM) और मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) का गठबंधन भी चुनाव मैदान में है। खुद को ग्रैंड सेक्युलर डेमोक्रेटिक फ्रंट (GSDF) कहने वाले इस गठबंधन का वोट बैंक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), खासकर कुशवाहा, मुस्लिम अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति है। इस गठबंधन की वजह से राजद, कांग्रेस और तीन वाम दलों के महागठबंधन के वोट बैंक अड़चन पैदा कर दी है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के चुनावी मैदान में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के भाजपा-जदयू-हम-वीआईपी और महागठबंधन की राजद, कांग्रेस और वामदलों के अलावा उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP), असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन(AIMIM) और मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) का गठबंधन भी चुनाव मैदान में है। खुद को ग्रैंड सेक्युलर डेमोक्रेटिक फ्रंट (GSDF) कहने वाले इस गठबंधन का वोट बैंक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), खासकर कुशवाहा, मुस्लिम अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति है। इस गठबंधन की वजह से राजद, कांग्रेस और तीन वाम दलों के महागठबंधन के वोट बैंक अड़चन पैदा कर दी है।