निजी कंपनियों के हाथ में जा सकता है रेलवे, 150 ट्रेनों पर लग सकती है बोली
केंद्र सरकार भारतीय रेलवे में 22,500 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश आमंत्रित करने के काफी करीब पहुंच चुकी है। इसके तहत 100 रेलवे रूट पर लगभग 150 पैसेंजर रेलगाड़ियों को निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों को देने की ठोस योजना बन रही है।
केंद्र सरकार भारतीय रेलवे में 22,500 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश आमंत्रित करने के काफी करीब पहुंच चुकी है। इसके तहत 100 रेलवे रूट पर लगभग 150 पैसेंजर रेलगाड़ियों को निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों को देने की ठोस योजना बन रही है।
इस प्रस्ताव को अगले महीने होने वाली सरकार की पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप अप्रैजल समिति की बैठक में भी ले जाने की तैयारी है। सचिवों के एम्पावर्ड ग्रुप का नेतृत्व करने वाली कंपनी एनआईटीआई के सीईओ अमिताभ कांत के हस्तक्षेप के बाद रेलवे बोर्ड ने यात्री परिचालन में निजी निवेश कैसे लेकर आए इस पर विचार किया है।
इस योजना के तहत लगभग 35 सालों के लिए प्राइवेट प्लैयर्स को रेल मार्ग दिए जाने की परिकल्पना तैयार की गई है, जिनमें से हर एक के पास कम से कम 450 करोड़ रुपये की संपत्ति होनी चाहिए। वहीं पिछले पांच सालों में रेलवे में लगभग 2,700 करोड़ रुपये का व्यवसाय और निवेश रहा है।
इतना ही नहीं प्राइवेटाइजेशन में रेलवे बोली लगाने वालों से टूर ऑपरेटरों, रेलवे में काम करने वाली अन्य कंपनियों, ट्रैवल फर्मों, रोलिंग कंपनियों और एयरलाइन ऑपरेटरों को भी शामिल करने की उम्मीद लगा रहा है। इसमें हर एक को करीब 12 और ज्यादा से ज्यादा 30 ट्रेनों के लिए बोली लगाने की अनुमति दी जाएगी ताकि प्रतियोगिता में बैलेंस बना रहे।