हिंद महासागर में धीरे धीरे टूट रही है टेक्टोनिक प्लेट, पृथ्वी पर मचेगी तबाही

वीडियो डेस्क। कोरोना के बाद अब इंसानों पर एक और संकट गहराने लगा है। हिंद महासागर के नीचे मौजूद विशाल टेक्टोनिक प्लेट धीरे धीरे टूट रही है। कुछ समय बाद ये प्लेट दो हिस्सों में विभाजित हो जाएगी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच की ये टेक्टोनिक प्लेट बेहद धीमी गति से टूट रही है। 

/ Updated: May 27 2020, 07:44 PM IST

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वीडियो डेस्क। कोरोना के बाद अब इंसानों पर एक और संकट गहराने लगा है। हिंद महासागर के नीचे मौजूद विशाल टेक्टोनिक प्लेट धीरे धीरे टूट रही है। कुछ समय बाद ये प्लेट दो हिस्सों में विभाजित हो जाएगी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच की ये टेक्टोनिक प्लेट बेहद धीमी गति से टूट रही है। इसके टूटने की गति .06 यानि 1.7 मिली मीटर्स प्रतिवर्ष है। इस हिसाब से प्लेट के दो हिस्से 10 लाख साल में तकरीबन 1 मील यानी 1.7 किलोमीटर की दूरी तक खिसक जाएंगे। ये रफ्तार भले ही कम है लेकिन ये घटना काफी महत्वपूर्ण है। प्लेटों के खिसकने से या टूटने से धरती की संरचना में बहुत बड़े बदलाव आते हैं। हिंद महासागर में पानी की गहराई काफी ज्यादा है। शोधकर्ता शुरुआत में पानी के नीचे हो रही इस घटना को समझ नहीं पा रहे थे। हालांकि, जब दो मजबूत भूकंपों का उद्गम स्थल हिंद महासागर निकला तो शोधार्थियों को अंदाजा हुआ कि पानी के नीचे कुछ हलचल हो रही है। जो हिंद महासागर में इंडोनेशिया के पास 11 अप्रैल, 2012 को 8.6 और 8.2 तीव्रता से आए थे। ये भूकंप असामान्य थे क्योंकि ये हमेशा की तरह सबडक्शन जोन में नहीं आए जहां टेक्टोनिक प्लेट्स खिसकती हैं बल्कि टेक्टोनिक प्लेट के बिल्कुल बीचो बीच से आए थे।