दलित मृतक युवती के घर पहुंचे चंद्रशेखर आजाद,सरकार से की 25 लाख की आर्थिक सहायता देने की मांग

परिवार से मुलाकात के बाद भीम आर्मी चीफ ने एसपी उन्नाव दिनेश त्रिपाठी व डीएम रविंद्र कुमार से भी मुलाकात की। मीडिया से बातचीत में भीम आर्मी चीफ ने बताया परिवार के आंसू अभी नहीं सूखे हैं और जितने जिम्मेदारों आरोपी है उतने जिम्मेदार व एसएचओ और दरोगा भी हैं। जिन्होंने न्याय को प्रभावित किया जिसकी वजह से देरी हुई बच्चे की गुमशुदगी जो रिपोर्ट लिखी जाती है वो भी नही दर्ज हुई। 
 

/ Updated: Feb 18 2022, 02:32 PM IST

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उन्नाव: आजाद समाज पार्टी के संस्थापक व भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद 'रावण' देर रात दलित मृतक युवती के घर पहुंच कर उसके माता-पिता से मुलाकात की। भीम आर्मी चीफ ने पीड़ित परिवार से मुलाकात के दौरान हर संभव मदद की आश्वासन दिया है। डीएम व एसपी से मुलाकात कर फास्टट्रैक में मुकदमा ट्रायल कराकर दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दिलाए जाने की बात कही। वहीं पूरे मामले में लापरवाही बरतने वाले दरोगा व एसएचओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग एसपी व डीएम से की है। भीम आर्मी चीफ ने पीड़ित परिवार को सरकार की तरफ से 25 लाख की मदद किए जाने की मांग की है। 


पूर्व राज्य मंत्री के बेटे पर लगा अपहरण, रेप कर हत्या का आरोप
बता दें कि सदर कोतवाली क्षेत्र के काशीराम कॉलोनी में रहने वाली एक दलित युवती का 10 फरवरी को स्वर्गीय सपा नेता के दिव्यानंद आश्रम के बगल मैं खाली पड़े प्लॉट में, 4 फीट गहरे गड्ढे में दफनाया हुआ शव मिला था। पूर्व राज्य मंत्री के बेटे रजोल सिंह पर दलित युवती का अपहरण के साथ ही रेप कर हत्या किए जाने का आरोप मृतका के परिजनों ने लगाया है। 

कांग्रेस के बाद भीम आर्मी चीफ बने हितैषी
दलित युवती की मौत पर लगातार सियासत जारी है कांग्रेश के बाद अब भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण भी दलित परिवार का हितैषी बनकर मैदान में आ गए हैं। गुरुवार रात करीब 9:00 बजे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण मृतका के परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे। करीब 1 घंटे तक मृतिका के माता-पिता से बातचीत कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। परिवार से मुलाकात के बाद भीम आर्मी चीफ ने एसपी उन्नाव दिनेश त्रिपाठी व डीएम रविंद्र कुमार से भी मुलाकात की। मीडिया से बातचीत में भीम आर्मी चीफ ने बताया परिवार के आंसू अभी नहीं सूखे हैं और जितने जिम्मेदारों आरोपी है उतने जिम्मेदार व एसएचओ और दरोगा भी हैं। जिन्होंने न्याय को प्रभावित किया जिसकी वजह से देरी हुई बच्चे की गुमशुदगी जो रिपोर्ट लिखी जाती है वो भी नही दर्ज हुई।