योगी को दुबारा CM बनाने के लिए विशेष पूजा-पाठ में लगे BJP समर्थक, सवा लाख शिवलिंग किए स्थापित

समर्थकों ने अपने हाथों से इन शिव लिंगो का निर्माण कर हवन पूजन कर स्थापित किया और दस दिन तक गंगा किनारे लगातार हवन पूजन कर अंतिम दिन विसर्जन किया जाएगा। समर्थक लगातार दस दिन तक हवन पूजन कर योगी की जीत की कामना करेंगे। भाजपा समर्थकों की योगी की जीत की कामना की यह अनूठी पहल लोगो के बीच काफी चर्चित हो रही है।
 

/ Updated: Jan 24 2022, 02:17 PM IST

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फर्रुखाबाद: चुनावी शंखनाद का उदघोष होते ही समर्थक भी अपने अपने नेताओं के लिए जीत की कामना के लिए दुआओ का दौर शुरू करने लगते है। फर्रुखाबाद में गंगा तट पर पांचाल घाट पर आज भाजपा समर्थकों ने हवन पूजन कर सवा लाख शिव लिंग स्थापित कर योगी की जीत की कामना कर रहे है। दस दिन तक हवन पूजन कर शिव लिंग का गंगा में प्रवाह किया जाएगा। फर्रुखाबाद के पांचाल घाट पर माघ मेला की छटा बिखर रही है।और इस छटा के बीच आज कुछ भाजपा समर्थकों ने सवा लाख शिव लिंग स्थापित कर सूबे के मुखिया योगी की जीत की कामना की गई। समर्थकों ने अपने हाथों से इन शिव लिंगो का निर्माण कर हवन पूजन कर स्थापित किया और दस दिन तक गंगा किनारे लगातार हवन पूजन कर अंतिम दिन विसर्जन किया जाएगा। समर्थक लगातार दस दिन तक हवन पूजन कर योगी की जीत की कामना करेंगे। भाजपा समर्थकों की योगी की जीत की कामना की यह अनूठी पहल लोगो के बीच काफी चर्चित हो रही है।

इस समय फर्रुखाबाद में माघ मेला रामनगरिया चल रहा है इस मेले में अन्य जिलों से साधु संत आकर अपनी झोपड़ी डाल कर हवन पूजन तपस्या करते हैं। चुनावी शंखनाद का उदघोष होने बाद एक तरफ माघ मेला में पूजा अर्चना का दौर होता है। वही इस महीने चुनाव का भी दौर शुरू हो गया है ऐसे में अपने नेताओं को जिताने के लिए लोग दुआओं, पूजा पाठ का सहारा ले रहे हैं। मेले में एक झोपड़ी में योगी आदित्यनाथ को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के लिए सवा लाख शिवलिंग की स्थापना की जा रही है। प्रतिदिन हजारो की संख्या में शिवलिंग को बनाया जाता है और उनका रुद्र अभिषेक कर उनको विसर्जन किया जाता है 10 दिन लगभग 1 लाख शिवलिंग को बनाकर विसर्जन किया जाएगा और उस दिन भंडारा भी किया जाएग। यह कार्यक्रम 14 जनवरी से जारी है। यह शिवलिंग खेतों की मिट्टी से बनाए जा रहे हैं सबसे पहले मिट्टी को खेतों से खोद कर लाया जाता है और उसमें गंगा जी की बालू मिलाई जाती है और पानी डालकर उसे गिला कर आते की तरह लोई बना ली जाती है। उसके बाद उसे मिट्टी की छोटी-छोटी गोलियां बना कर उन्हें शिवलिंग का आकार दे दिया जाता है इस कार्यक्रम में महिलाएं पुरुष और बच्चे भी शामिल हो रहे हैं।