चंद महीनों में एक घर की 5 बेटियां हुईं गूंगी-बहरी, 'बैरा जांच' के बाद सामने आएगी असल वजह

यूपी के हरदोई जिले में छह महीने में एक ही परिवार की पांच बेटियों की आवाज चली गई। जिसकी सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पहुंचकर सभी की जांच ली। टीम ने बताया कि पांचों बच्चियों का बैरा टेस्ट कराया जाएगा और रिपोर्ट आने के बाद इलाज शुरू होगा।

/ Updated: Jul 24 2022, 02:40 PM IST

Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

हरदोई: उत्तर प्रदेश के जिले हरदोई में इस मामले के आने के बाद से हर कोई हैरान है। शहर में पहली बार ऐसा हुआ है कि 6 महीने के अंदर पांच बहनों की आवाज चली गई। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शनिवार को गांव पहुंचकर इसकी जानकारी ली। शहर के गांव में छह महीने के अंदर एक ही परिवार की छह बेटियां बोल नहीं पा रही। इतना ही नहीं स्वजनों का कहना है कि पहले थोड़ा-थोड़ा बोलती थी लेकिन अब वह भी नहीं बोल पाती। टीम ने पहुंचकर जांच के साथ परिजनों से जानकारी ली। जानकारी के अनुसार यह मामला शहर के लोनार थाना क्षेत्र के बावन कस्बे के मोहल्ला खेड़ा का है। गांव के निवासी जामेद अली की छह बेटियां है, बड़ी बेटी तबस्सुम 15 वर्ष की है। उसके बाद अलशिफा 11 वर्ष, नाजिया 9 वर्ष, महक 7 वर्ष, शायरा 5 वर्ष और राबिया 2 वर्ष की हैं। छह महीनों में पांचों बेटी की आवाज जाने के बाद परिजनों का कहना है कि पहले रुक-रुक बोलती थी। लेकिन पिछले 6 महीने के अंदर सभी की आवाज चली गई है। अब वह न ही बोल पा रही हैं और न ही सुन पा रही हैं। इनमें सबसे छोटी बेटी राबिया ही बोल पाती है।

इसकी जानकारी होने पर स्वास्थ्य टीम गांव पहुंची। बावन सीएचसी से डॉ. इकराम हुसैन ने बताया कि अपनी टीम के साथ जांच-पड़ताल कर परिवार से जानकारी ली। पांचों की जांच करने के बाद सीएचसी प्रभारी डॉ. पंकज मिश्रा को जानकारी दी। सीएचसी प्रभारी ने सभी बच्चों की बैरा नामक जांच कराकर रिपोर्ट दिखाने की बात कही है। इस जांच में कान की बीमारियों फुंसी, फोड़े, मोम का इकट्ठा होना, सुनाई न देना जैसी अन्य बीमारियों की जांच की जाती है। इसमें सुनने की क्षमता की जांच ऑडियोमीटरी तकनीक से की जाती है और इलेक्ट्रोड को चेस्ट के बजाय स्कल (खोपड़ी) पर लगाकर बहरेपन या सुनने की क्षमता का पता लगाया जाता है।