हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल बनी कान्हा की नगरी मथुरा, शाही ईदगाह मस्जिद से उतारे गए 3 लाउडस्पीकर

 मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि की पहल को देखते हुए शाही ईदगाह परिसर में भी अजान की आवाज को कम कर दिया गया है। शाही ईदगाह परिसर में 4 में से 3 लाउडस्पीकर उतरवा दिये गए हैं। वहीं एक लाउड स्पीकर जिसकी आवाज मस्जिद परिसर के अंदर तक ही सीमित रह सके।

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मथुरा: मुख्यमंत्री की अपील और सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग का असर अब धार्मिक स्थलों पर दिखाई देने लगा है। 3 दिन पूर्व श्री कृष्ण जन्मस्थान संस्थान ने निर्णय लेते हुए मंदिर परिसर के बाहर बजने वाले लाउडस्पीकर को बंद कर दिया गया था, तो वहीं अब जन्म भूमि की पहल को देखते हुए शाही ईदगाह परिसर में भी अजान की आवाज को कम कर दिया गया है। शाही ईदगाह परिसर में 4 में से 3 लाउडस्पीकर उतरवा दिये गए हैं। वहीं एक लाउड स्पीकर जिसकी आवाज मस्जिद परिसर के अंदर तक ही सीमित रह सके।

इस संबंध में शाही ईदगाह कमेटी के सचिव तनवीर अहमद एडवोकेट ने कहा कि अदालत के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए परिसर में एक से 1:30 मिनट के लिए अजान होती थी, लेकिन फिर भी 4 में से 3 लाउडस्पीकरों को उतरवा दिया गया है। उधर शाही ईदगाह कमेटी के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर जेड हसन ने अजान की आवाज कम हो जाने पर कहा कि कोई भी धर्म यह नहीं सिखाता की उसके किसी कार्य से किसी दूसरे भाई को कोई परेशानी या एतराज हो। उन्होंने कहा कि मस्जिद परिसर के अंदर ही अजान की आवाज को रखने के लिए हमने यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे देश में अमन, चैन, शांति भाईचारा बना रहे क्योंकि हम सब हिंदुस्तानी हैं। प्रो जेड हसन ने कहा कि हम लोग तो उस नगरी के रहने वाले हैं। जहां से प्रेम का संदेश पूरे विश्व में जाता है और यही इस नगरी की खासियत रही है कि दोनों ही मजहब के लोग एक दूसरे के त्यौहारों को बड़े ही उत्साह के साथ एक दूसरे के साथ मिलकर मनाते हैं।

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