आधे रास्ते से प्रियंका गांधी को उठा ले गई पुलिस
सोनभद्र(यूपी) में 17 जुलाई को हुए खूनी संघर्ष में 10 लोगों की मौत के बाद शुरू हुई राजनीति। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पीड़ितों से मिलना चाहती थीं।
सोनभद्र. यूपी के सोनभद्र में जमीनी विवाद को लेकर दो गुटों में हुए जबर्दस्त खूनी संघर्ष के बाद राजनीति शुरू हो गई है। 17 जुलाई को हुए इस हत्याकांड में 10 लोगों की मौत हो गई थी। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी गुरुवार को वाराणसी पहुंचीं और यहां हॉस्पिटल में भर्ती सोनभद्र मामले के घायलों से मिलीं। शुक्रवार को वे घायलों के परिजनों से मिलने सोनभद्र जा रही थीं। लेकिन मिर्जापुर जिले में उनके काफिले को रोक लिया गया। इससे नाराज होकर प्रियंका गांधी नारायणपुर पुलिस चौकी के सामने धरने पर बैठ गईं। हालांकि बाद में पुलिस उन्हें वहां से उठाकर ले गई। हालांकि पुलिस ने गिरफ्तारी का खंडन किया है। उधर, प्रियंका ने कहा,' हमें क्यों रोका जा रहा है, इसका कारण बताया जाए? हम यहां शांति से बैठे रहेंगे और पीड़ितों से मिले बिना वापस नहीं जाएंगे।'
जानें क्या हुआ था...
मिर्जापुर जिले के नारायणपुर में कमिश्नर के निर्देश पर प्रियंका गांधी का काफिला रोका गया था। मामला बिगड़ते देख यहां धारा 144 लगाई गई है। डीएम अंकित कुमार अग्रवाल ने कहा कि किसी नेता को घटनास्थल पर नही जाने दिया जाएगा। एसपी सलमान ताज पाटिल ने बताया कि बार्डर पर सघन चैकिंग की जा रही है। उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में वनवासियों की जमीन को एक सोसायटी के नाम कर दिया गया। हालांकि सीएम ने कहा कि मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय जांच समिति बनाई गई है। यह 10 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी।
शुक्रवार को मीडिया से चर्चा करते हुए योगी ने कहा कि सोनभद्र की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। 1955 से 1989 तक यह जमीन आदर्श सोसायटी के नाम पर थी। 1989 में बिहार के एक आईएएस के नाम पर कर दिया जो गलत था। हालांकि वे इस पर कब्जा नहीं कर पाए। 2017 इसे ग्राम प्रधान को बेच दिया गया। उधर, मामले को लेकर विपक्षी दलों ने विधानसभा के अंदर जमकर हंगामा किया है। विपक्षी सदस्य विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के आसन तक पहुंच गए। उस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मामले पर अपना बयान दे रहे थे।