राममंदिर: जमीन की खरीद फरोख्त मामले पर बोलीं प्रियंका- 'हम लूट में डालेंगे विघ्न'

 भगवान राम ने इतना बड़ा बलिदान दिया था। उनके नाम पर भी भ्रष्टाचार कर रहे हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के नाम पर सारी मान-मर्यादा को ताक पर रखकर राम मंदिर के चंदे की लूट का खेल खेला जा रहा है।

/ Updated: Dec 23 2021, 06:32 PM IST
Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

लखनऊ: भाजपा (BJP) नेताओं के रिश्तेदारों और सरकारी अधिकारियों द्वारा अयोध्या (Ayodhya) में आगामी राम मंदिर (Ram Mandir) के पास कथित रूप से जमीन हड़पने के मामले पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने कहा कि पहले राम मंदिर के चंदे में घोटाला किया गया और अब दलितों की जमीन को हड़पा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला अधिकारी स्तर पर जांच हो रही है। जांच भी उच्च न्यायालय की निगरानी में की जानी चाहिए, क्योकि राम मंदिर को बनवाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। देश भर में चंदा मांगा गया और सभी की भावनाएं हैं और वे उन भावनाओं को आहत कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भगवान राम ने इतना बड़ा बलिदान दिया था। उनके नाम पर भी भ्रष्टाचार कर रहे हैं। अयोध्यापति मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के नाम पर सारी मान-मर्यादा को ताक पर रखकर राम मंदिर के चंदे की लूट का खेल खेला जा रहा है।  2 करोड़ की ज़मीन को राममंदिर निर्माण ट्रस्ट को 26।50 करोड़ में बेचा गया । इससे बड़ा  चंदाचोरी का क्या कोई सबूत हो सकता है।

संजय स‍िंह ने की उच्‍च स्‍तरीय जांच की मांग
संजय स‍िंह ने कहा क‍ि मैं बार-बार इस पर मांग उठा रहा हूं कि पूरे जमीन खरीद मामले की जांच कराई जाए। जिस प्रकार से 5 मिनट में दो करोड की जमीन ₹18करोड़ 50 लाख रुपये में रामजन्‍मभूम‍ि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा खरीदकर भ्रष्टाचार किया गया, उसकी जांच कराई जानी चाह‍िए। इस क्षेत्र में दलितों की जमीन दान में लेकर महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट ने तमाम मंत्रियों और विधायकों को जमीने बेंच दीं। वह भी तब  जबकि उसकी जांच चल रही है। यह सीधा-सीधा भ्रष्‍टाचार का खेल है। इसलिए इन सारे अधिकारियों के खिलाफ जांच कराकर इनको जेल में भेजना चाहिए । इन सब की जांच हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटर्ड कमेटी की न‍िगरानी में एसआईटी बनाकर और सीबीआई के द्वारा जांच कराई जानी चाहिए। यह एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें खुद अधिकारी, विधायक और भाजपा के नेता शामिल हैं।

Read more Articles on