लोक गायिका मालिनी अवस्थी के भजनों को सुनकर मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु, संकट मोचन मंदिर संगीत समारोह का हुआ समापन

विश्वनाथ की नगरी सोमवार की शाम लोक गायिका मालिनी अवस्थी के भजनों को सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। मालिनी अवस्थी संकट मोचन मंदिर संगीत समारोह के समापन में शामिल हुईं। यहां पर पहुंचकर उन्होंने मंच में संगीत की प्रस्तुति दी। 

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वाराणसी: उत्तर प्रदेश की विश्वनाथ नगरी काशी में संकट मोचन संगीत समारोह की अंतिम शाम में सोमवार को लोक गायिका मालिनी अवस्थी के भजनों को सुनकर मंत्रमुग्ध होकर श्रद्धालु खुशी से झूमने लगे। संकट मोचन मंदिर संगीत समारोह का समापन हो गया। 

उन्होंने राग विहंगड़ा में द्रुत बंदिश से शुरू हुआ। यह बंदिश उन्होंने हनुमान प्रभु को समर्पित की। बोल थी- लंका को ढहाए गए। इसके बाद राग विहाग में ठुमरी हमसे नजरिया काहे फेरी सुनाया। दादरा श्याम तोहे नजरिया लग जायेगी में मालिनी की गायिकी सिर चढ़कर बोली।

इतना ही नहीं संकट मोचन संगीत समारोह की अंतिम शाम में गायन व नृत्य की विधाओं के संगम में श्रोता रातभर गोते लगाते रहे। नृत्य से आरंभ गायन तक लगभग आधा दर्जन कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन हनुमान जी के दरवार में किया।

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