क्लास में मोबाइल ले जाने पर वाइस प्रिंसिपल ने किया सस्पेंड, मानसिक रूप से परेशान छात्र ने कर ली आत्महत्या
केंद्रीय विद्यालय बीएचयू के 9वीं के छात्र मयंक यादव ने बीती रात फांसी लगाकर जा दे दी। रात करीब डेढ़ बजे मां मुन्नी ने फंदे से लटका शव देखा तो घटना की जानकारी हुई। सूचना पर पहुंचे बीएचयू चौकी प्रभारी धीरेंद्र कुमार सिंह ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित केंद्रीय विद्यालय की एक घटना ने एक परिवार से उसके पुत्र को छीन लिया। यह पूरी घटना काशी हिंदू विश्वविद्यालय से सटे सीर गोवर्धनपुर का है। पूरा मामला यह है कि सीर गोवर्धनपुर के रहने वाले संतोष कुमार यादव जो काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कर्मचारी हैं। उनका पुत्र मयंक यादव बीएचयू स्थित केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 9 का छात्र था, पिता संतोष ने बताया कि मेरा बच्चा 27 तारीख को स्कूल में मोबाइल लेकर चला गया जिसके बाद स्कूल की सहायक प्रिंसिपल विनीता सिंह ने उन्हें फोन करके बुलाया और बुरी तरह से फटकार लगाई और मोबाइल न देने की बात करते हुए कहा कि अपने पत्नी को स्कूल में भेजिए।
संतोष ने बताया कि मयंक की माताजी जब अगले दिन स्कूल जाती हैं तो सहायक प्रिंसिपल उन्हें भी छात्र के सामने प्रताड़ित करती हैं और मोबाइल ना देते हुए मयंक को 7 दिनों के लिए स्कूल आने का प्रतिबंध लेटर जारी कर देती हैं। जिस पर मयंक माफी मांगता रहा लेकिन उस स्कूल की सहायक प्रिंसिपल बिना बात सुने 7 दिनों के लिए मयंक को स्कूल ना आने की अनुमति देती हैं। परेशान होकर मयंक ने रविवार की रात फांसी लगा ली और मौके पर ही मयंक की मृत्यु हो गई।
मयंक की बहन तनीषा ने बताया कि मेरा भाई कभी स्कूल मोबाइल नहीं ले जाता था जल्दी में स्कूल जाते समय उसके जेब में मोबाइल रह गया और वह उस स्कूल के हाफ टाइम में आकर मुझे बताया कि दीदी गलती से मेरे जेब में मोबाइल घर से आ गया है जिसके बाद तनिषा ने कहा कि मेरी क्लास में बैग चेक होगा और तुम इसे स्विच ऑफ करके अपने पास रख लो लाइब्रेरी में कुछ बात विवाद के चलते उसके भाई ने वहां पर वीडियो बनाना स्टार्ट किया जिस पर लाइब्रेरियन ने उसके भाई को पकड़ लिया और वीडियो डिलीट कर दिया और साथी तनिषा ने बताया कि लाइब्रेरियन ने उनके भाई को दो थप्पड़ मारे और सहायक प्रिंसिपल के पास ले जाया गया जहां पर उसकी प्रिंसिपल ने उनके पिता को फोन किया और इस घटना की जानकारी उनके पिता को दी और कहा कि आपके बेटे को 7 दिनों के लिए स्कूल ना आने की अनुमति दी जाती है और मोबाइल अभी नहीं दिया जाएगा।
इस पूरे मामले में मयंक के परिजन शोक में है और उनका कहना है कि हमें प्रशासन से उम्मीद है कि हमें उचित न्याय मिलेगा । इस पूरे मामले पर जब केंद्रीय विद्यालय के सहायक प्रिंसिपल को फोन लगाया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।