बिकरु कांड में शहीद हुए SI के भाई का वीडियो हुआ वायरल, कहा- 'अपराधी की मां को टिकट देना शहीदों का अपमान'

अनूप सिंह के शहीद होने के बाद मेरा परिवार बिखर गया। भाई के गम में मेरी मां का बीते पांच जनवरी को निधन हो गया। परिवार आज भी इस सदमें से उबर नहीं पा रहा है। यदि पुलिस ने खुशी दुबे को आरोपी बनाया है, तो उसकी संलिप्तता जरूर रही होगी। बिकरू कांड में शहीद हुए जितने भी परिवार हैं, कभी ऐसे राजनीतिक दलों को माफ नहीं करेंगे।

/ Updated: Jan 27 2022, 03:05 PM IST

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कानपुर: यूपी विधानसभा चुनाव में बिकरू कांड और खुशी दुबे की रिहाई बड़ा मुद्दा बनने वाला हैं। यूपी में हासिए पर चल रही कांग्रेस पार्टी ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ स्लोग के साथ जमीन तलाशने में जुटी है। बिकरू कांड  एक बार फिर सुर्खियों में है। एनकांउटर में मारा गया अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे की मां ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। कांग्रेस पार्टी खुशी दुबे की मां को कानपुर से प्रत्याशी बनाने जा रही है। वहीं बिकरू कांड में शहीद हुए पुलिस कर्मियों के परिजनों का कहना है कि ये शहीदों का अपमान है। आठ पुलिस कर्मियों की हत्या में शामिल अमर दुबे की सास को टिकट देना शर्मनाक बात है।

सियासी गलियारों में चर्चा थी कि खुशी दुबे एसपी की टिकट से गोविंद नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। सपा नेता मेजर आशीष चतुर्वेदी ने गायत्री तिवारी से मुलाकात की थी। गायत्री तिवारी ने भी एसपी से चुनाव लड़ने के लिए राजी हो गईं थी। लेकिन बुधवार को पूरी तश्वीर ही बदल गई। गायत्री तिवारी ने एसपी का साथ छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। कांग्रेस की अगली लिस्ट में खुशी दुबे की मां का नाम भी शामिल होगा। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से गायत्री तिवारी ने मुलाकात की है।

अपराधी की मां को टिकट देना शहीदों का अपमान
बिकरू कांड में शहीद हुए एसआई अनूप सिंह के भाई अनुज सिंह का कहना है कि विधानसभा चुनाव में राजनीतिक लाभ लेने के लिए पार्टियां अपराधी की मां को टिकट दे रही हैं। कुख्यात अपराधी विकास दुबे के राइट हैंड रहे अमर दुबे की पत्नी की मां को टिकट देना शर्मनाक बात है। यदि कांग्रेस पार्टी या फिर कोई भी अन्य पार्टी अपराधी की मां को टिकट देते है, तो शहीदों का अपमान होगा। मेरे भाई अनूप सिंह को बिकरू में बदमाशों ने घेर कर मार डाला था। मेरे भाई समेत आठ पुलिस पुलिस कर्मी शहीद हुए थे।

मेरा परिवार बिखर गया
अनूप सिंह के शहीद होने के बाद मेरा परिवार बिखर गया। भाई के गम में मेरी मां का बीते पांच जनवरी को निधन हो गया। परिवार आज भी इस सदमें से उबर नहीं पा रहा है। यदि पुलिस ने खुशी दुबे को आरोपी बनाया है, तो उसकी संलिप्तता जरूर रही होगी। बिकरू कांड में शहीद हुए जितने भी परिवार हैं, कभी ऐसे राजनीतिक दलों को माफ नहीं करेंगे।

जेल में बंद है खुशी दुबे
खुशी दुबे की शादी बीते 29 जून 2020 को अमर दुबे से हुई थी। शादी के महज तीन दिनों बाद 2 जुलाई 2020 की रात कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर पर पुलिस टीम दबिश देने के लिए पहुंची थी। इसी दौरान विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। बिकरू कांड को अंजाम देने के बाद अमर दुबे फरार हो गया था। बीते 8 जुलाई को हमीरपुर के मौदाहा में एसटीएफ ने अमर दुबे को मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस ने खुशी को बिकरू कांड में आरोपी बनाया था। पुलिस ने खुशी दुबे पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा था।

बीजेपी के कब्जे में सीट
गोविंद नगर विधानसभा सीट ब्राह्मण बाहुल सीट मानी जाती है। 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में गोविंद नगर सीट पर बीजेपी के सत्यदेव पचौरी ने जीत दर्ज की थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में सत्यदेव कानपुर के सांसद बने थे। सत्यदेव पचौरी के सांसद बनने के बाद गोविंद नगर सीट खाली हो गई थी। इस सीट पर उपचुनाव हुए थे, जिसमें बीजेपी के सुरेंद्र मैथानी ने कांग्रेस की करिश्मा ठाकुर को हराया था। ब्राह्मण बाहुल सीट होने की वजह से कांग्रेस पार्टी खुशी दुबे की मां पर दांव लगा रही है।

गोविंद नगर सीट पर जातिगत आकड़ा
गोविंद नगर सीट पर लगभग 01 लाख 49 हजार ब्राह्मण वोटर हैं। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लगभग 85 हजार वोटर हैं। मुस्लिम वोटर 29 हजार, बढ़ई 32 हजार, पाल वोटर 17 हजार, यादव वोटर 16 हजार, पंजाबी सिंधी 14 हजार, क्षत्रीय और वैश्य 13-13 हजार, कुशवाहा लगभग 11 हजार के करीब हैं।