जोशीमठ से Asianet News की ग्राउंड रिपोर्ट: पलायन का दर्द, हर कोई ट्रकों में सामान भरकर जा रहा कहीं और...

उत्तराखंड के 8वीं सदी के शहर जोशीमठ का अस्तित्व क्या खत्म हो जाएगा? यह सवाल इन दिनों चरम पर है। यहां दरारें धीरे-धीरे बढ़ती जा रही हैं। उत्तराखंड के चीफ सेक्रेट्री ने कहा कि जोशीमठ में अधिक मकानों, इमारतों और सड़कों में दरारें आने से हर मिनट महत्वपूर्ण है। 

/ Updated: Jan 10 2023, 01:26 PM IST

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उत्तराखंड के 8वीं सदी के शहर जोशीमठ का अस्तित्व क्या खत्म हो जाएगा? यह सवाल इन दिनों चरम पर है। यहां दरारें धीरे-धीरे बढ़ती जा रही हैं। उत्तराखंड के चीफ सेक्रेट्री ने कहा कि जोशीमठ में अधिक मकानों, इमारतों और सड़कों में दरारें आने से हर मिनट महत्वपूर्ण है। चमोली में डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के एक बुलेटिन में कहा गया है कि धंसने वाले घरों की संख्या बढ़कर 678 हो गई है, जबकि 27 और परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अब तक 82 परिवारों को शहर में सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। हालात यह हैं कि राहत और बचाव के प्रयासों के लिए स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स के कर्मियों को तैनात किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (NDRF) की एक टीम भी स्थानीय प्रशासन की सहायता के लिए स्टैंडबाय पर है। इस बीच दरकते भवनों को जमींदोज करने का काम 10 जनवरी शुरू हुआ। सबसे पहले उन होटल्स, घर और भवनों को गिराया जाएगा, जो असुरक्षित घोषित किए जा चुके हैं। देखिए कुछ तस्वीरें और पढ़िए बाकी रिपोर्ट..