अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में 6.3 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। USGS ने 100 से 1000 मौतों की आशंका जताई। ताजिकिस्तान, पाकिस्तान और भारत में भी झटके महसूस हुए। राहत कार्य जारी, नुकसान का आकलन अभी बाकी।

Afghanistan Earthquake, Mazar-E-Sharif Quake: अफगानिस्तान में एक बार फिर ज़मीन जोर से हिल गई। सोमवार की सुबह देश के उत्तरी हिस्से में स्थित मजार-ए-शरीफ (Mazar-e-Sharif) में 6.3 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र जमीन से करीब 28 किलोमीटर की गहराई में था। बल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ अफगानिस्तान के सबसे घनी आबादी वाले शहरों में से एक है। तेज़ झटकों के बाद लोगों में दहशत फैल गई और कई लोग घरों से बाहर भागे। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार सैकड़ों लोगों के हताहत होने की आशंका जताई जा रही है।

USGS का ऑरेंज अलर्ट-क्या बड़े पैमाने पर नुकसान की संभावना है?

USGS ने इस भूकंप के बाद "ऑरेंज अलर्ट" जारी किया है। इसका मतलब है कि 100 से 1000 लोगों की मौत और भारी आर्थिक नुकसान की संभावना है। एजेंसी के PAGER मॉडल के मुताबिक यह भूकंप एक बड़े इलाके में विनाश ला सकता है। पिछले कुछ महीनों में अफगानिस्तान में बार-बार आए भूकंपों ने देश को लगातार झकझोरा है। अगस्त 2025 में आए 6.0 तीव्रता के भूकंप में 800 से ज्यादा लोगों की जान गई थी, जबकि अक्टूबर 2023 में आए इसी तीव्रता के झटकों में 2000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

Scroll to load tweet…

किन देशों में महसूस किए गए झटके?

भूकंप के झटके ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, पाकिस्तान और भारत के कुछ इलाकों में भी महसूस किए गए। सोशल मीडिया पर लोगों ने झटकों के वीडियो और तस्वीरें साझा कीं, जिनमें इमारतों में दरारें और लोगों की अफरा-तफरी देखी जा सकती है। अफगानिस्तान की नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) ने कहा है कि राहत और बचाव दलों को तुरंत मजार-ए-शरीफ और आस-पास के इलाकों में भेजा गया है। हालांकि, कई इलाकों में सड़कें और संचार सेवाएं बाधित हैं, जिससे बचाव कार्यों में कठिनाई आ रही है।

क्या बार-बार आने वाले भूकंप का कारण टेक्टोनिक प्लेटें हैं?

विशेषज्ञों का कहना है कि अफगानिस्तान इंडियन और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों की सीमा पर स्थित है, जो लगातार एक-दूसरे से टकराती रहती हैं। यही वजह है कि यहां बार-बार शक्तिशाली भूकंप आते हैं। यह क्षेत्र भूकंपीय रूप से बहुत सक्रिय माना जाता है और यहां आने वाले झटके अक्सर पड़ोसी देशों तक महसूस होते हैं।

Scroll to load tweet…

पिछले भूकंपों से सीख-क्या है तैयारी?

अफगानिस्तान में भूकंप के बाद राहत और पुनर्वास की स्थिति अक्सर बेहद खराब होती है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां चेतावनी दे चुकी हैं कि बुनियादी ढांचे की कमजोरी और संसाधनों की कमी के कारण देश बार-बार आने वाली प्राकृतिक आपदाओं से जूझ नहीं पा रहा। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार को आपदा प्रबंधन सिस्टम मजबूत करने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से जान-माल का नुकसान कम किया जा सके।