Nobel Prize: रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन और उमर एम. याघी को मिला है। तीनों ने धातु-कार्बनिक ढांचे का निर्माण किया है। इस ढांचे का इस्तेमाल रेगिस्तान में पानी जमा करने से लेकर कई तरह के काम में हो सकता है।
Nobel Prize 2025 in Chemistry: रसायन विज्ञान में 2025 का नोबेल पुरस्कार जापान के क्योटो यूनिवर्सिटी के सुसुमु कितागावा, ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न यूनिवर्सिटी के रिचर्ड रॉबसन और अमेरिका के बर्कले स्थित कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के उमर एम. याघी को मिला है। तीनों वैज्ञानिकों को यह सम्मान धातु-कार्बनिक ढांचे (MOF) के निर्माण के लिए दिया गया है।
धातु-कार्बनिक ढांचे धातु आयनों को कार्बनिक अणुओं के साथ जोड़कर बनाए जाने वाले अत्यधिक छिद्रपूर्ण संरचनाएं हैं। ये क्रिस्टलीय होते हैं। ये नैनोस्कोपिक ढांचे गैसों और अणुओं को फंसा सकते हैं। उन्हें स्टोर कर रख सकते हैं। उनमें हेरफेर कर सकते हैं। धातु-कार्बनिक ढांचे का इस्तेमाल ग्रीनहाउस गैसों को अवशोषित करने, पानी शुद्ध करने, रासायनिक प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करने और हाइड्रोजन ईंधन के भंडारण जैसे कामों में हो सकता है।
इस खोज की शुरुआत 1989 में हुई थी। रिचर्ड रॉबसन ने तांबे के आयनों और जटिल कार्बनिक अणुओं को विशाल क्रिस्टलीय ढांचों में जोड़ने का प्रयोग किया था। शुरुआती ढांचे अस्थिर थे। 1990 के दशक में सुसुमु कितागावा ने दिखाया कि ये ढांचे गैसों को अवशोषित और मुक्त कर सकते हैं। उमर याघी ने बाद में पहली बार असाधारण रूप से स्थिर MOF का निर्माण किया। इसके तर्कसंगत डिजाइन सिद्धांतों को प्रस्तुत किया।
क्या है मोलेक्युल रूम डिजाइन?
"रसायन विज्ञान के लिए स्थान" का कॉन्सेप्ट धातु-कार्बनिक ढांचे (MOF) के भीतर सटीक रूप से इंजीनियर छिद्रों से जुड़ा है। ये नैनोस्केल पर अणुओं को रोकने और उनमें हेरफेर करने के लिए डिजाइन की गई सामग्री हैं।
कार्बनिक अणुओं द्वारा जुड़े धातु आयनों से बनाए गए ये ढांचे सूक्ष्म वास्तुशिल्प ब्लूप्रिंट जैसे दिखते हैं। इसमें धातु आयन इमारत के आधारशिला के रूप में काम करते हैं। वहीं, कार्बनिक लिगैंड उन्हें जोड़ने वाली लंबी बीम बनाते हैं। इससे बड़ा और दोहराए जाने वाला पैटर्न बनता है। इससे बड़ा आंतरिक सतह क्षेत्र बनता है। इससे जटिल चैनलों वाला क्रिस्टल तैयार होता है जो परस्पर जुड़े कमरों की एक श्रृंखला की तरह काम करता है। इन्हें कुछ खास अणुओं को रोकने और उन्हें स्टोर करने के लिए डिजाइन कर सकते हैं।
MOF में कुल आयतन का 90% तक खाली स्थान होता है। इससे बड़ी मात्रा में अणुओं को जमा कर सकते हैं। इन मोलेक्युल रूम के आकार और रासायनिक प्रकृति को संरचना में इस्तेमाल किए गए मेटल नोड्स और कार्बनिक लिंकर्स को समायोजित करके अनुकूलित किया जा सकता है।
धातु-कार्बनिक ढांचे का क्या हो सकता है इस्तेमाल?
गैस भंडारण: MOF स्वच्छ ऊर्जा समाधान के लिए हाइड्रोजन और मीथेन जैसी गैसों का बड़ी मात्रा में सुरक्षित भंडारण कर सकते हैं। ये कार्बन डाइऑक्साइड को वातावरण में फैलने से रोक सकते हैं।
पानी जमा करना: MOF से रेगिस्तानी हवा से पानी के वाष्प को अवशोषित किया जा सकता है। इससे सूखे इलाकों में पीने के पानी की परेशानी दूर हो सकती है।
रासायनिक शुद्धिकरण: MOF के छिद्रों की चयनात्मक प्रकृति के चलते इससे पानी या हवा से खास जहरीले रसायनों के अणुओं को हटाया जा सकता है। यह पानी या हवा को शुद्ध करने के काम आ सकता है।
उत्प्रेरण: MOF फ्रेमवर्क की अनूठी संरचना उत्प्रेरक कक्षों के रूप में भी काम कर सकती है। इससे नियंत्रित और कुशल तरीके से रासायनिक प्रतिक्रियाओं को तेज किया जा सकता है।
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सेंसर और दवा पहुंचाना: अतिथि अणुओं को होस्ट करने और छोड़ने की एमओएफ की क्षमता का इस्तेमाल सेंसर के रूप में किया जा सकता है। इसके साथ ही इसे शरीर के खास हिस्से तक दवा पहुंचाने के लिए भी किया जा सकता है।
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