सार
केन्या के मालिंदी के तटीय शहर में एक पादरी के कहने पर 58 और लोगों ने भूख से जान दे दी। मामले में पुलिस ने पादरी पॉल मैकेंजी को गिरफ्तार किया है।
नैरोबी: केन्या में एक पादरी के कहने पर 58 और लोगों ने भूखे रहकर जान दे दी। इसके साथ हाल में इस तरह की घटनाओं में मरने वालों संख्या बढ़कर 90 हो गई। मरने वालों में कई बच्चे भी शामिल हैं। बता दें कि एक पादरी ने मृतकों से कहा थी कि अगर वह यीशू से मिलना चाहते हैं, तो उनको भूखा रहना होगा। घटना मालिंदी के तटीय शहर के पास शाखोला जंगल (Shakahola forest) की बताई जा रही है।
इस बात की आशंका है कि जंगल से अभी और लाशें मिल सकती हैं। जांचकर्ताओं ने इसे "शकाहोला वन नरसंहार" (Shakahola Forest Massacre)करार दिया है। जंगल में सामूहिक कब्रों की खोज ने केन्याई लोगों को झंकझोर कर रख दिया है। मामले में पंथ नेता पॉल मैकेंजी नथेंग (cult leader Paul Mackenzie Nthenge) पर आरोप लगा है कि उन्होंने अपने अनुयायियों को यह दिया था कि भुखमरी ही भगवान से मिलने का एकमात्र रास्ता है।
कट्टरपंथी धार्मिक संगठनों पर नकेल कसेगी केन्याई सरकार
उल्लेखनीय है कि केन्या की सरकार ने बड़े पैमाने पर ईसाई देश में कट्टरपंथी धार्मिक संगठनों पर नकेल कसने का संकल्प लिया है। घटना को लेकर गृह मंत्री किथुरे किंडिकी (Interior Minister Kithure Kindiki) ने संवाददाताओं से कहा, "हम नहीं जानते कि और कितनी कब्रें, और कितने शव मिलने की संभावना है। जिन्होंने दूसरों से उपवास करने और मरने का आग्रह किया, वे खा-पी रहे थे और वे कह रहे थे।"
केन्याई रेड क्रॉस ने 112 लोगों के गायब होने की सूचना दी
किंडिकी ने बताया कि इस मामले में मुख्य आरोपी पादरी पॉल मैकेंजी को 14 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। असल में केन्याई रेड क्रॉस (Kenyan Red Cross) ने 112 लोगों के गायब होने की जानकारी दी, जिसके बाद उसकी तलाश शुरू हुई, तो मालिंदी के पास शकाहोला में 800 एकड़ के जंगल में चर्च के लोगों की बस्ती का पता चला।
पहले बच्चों को भूखा मरने के लिए कहता है पंथ
अधिकार समूह हकी अफ्रीका के कार्यकारी निदेशक हुसैन खालिद, जिन्होंने पुलिस को एनथेंज की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि ऐसा लगता है कि पंथ पहले बच्चों को भूखा मरने के लिए कहता है, उसके बाद महिलाओं को और अंत में पुरुषों को।
भूख से मरने वालों में बच्चे ज्यादा
उन्होंने कहा कि पीड़ितों में 50 से 60 प्रतिशत बच्चे थे, जिनके शव सूती कफन में लिपटे मिले थे। उन्होंने कहा, "पिछले चार दिनों में हमने जो आतंक देखा है, वह दर्दनाक है।केन्या के पुलिस महानिरीक्षक जाफेट कूम ने बताया कि सामूहिक कब्रों में 50 शव मिले थे। जबकि, आठ लोग जीवित थे, जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। फिलहाल, 29 लोग जीवित हैं। स्थानीय मीडिया के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद से पादरी और उसके 14 समर्थकों ने खाना-पानी छोड़ दिया है।
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