सार
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ने बीते साल अप्रैल में वैक्सीन के पहले ह्यूमन ट्रायल का ऐलान किया था। लेकिन रूस ने ब्रिटेन के ट्रॉयल के पहले ही दुनिया को पहला वैक्सीन दे दिया।
लंदन। रूस (Russia) पर कोविड वैक्सीन (Covid 19 Vaccine) को लेकर बड़ा आरोप लगा है। आरोप है कि ब्रिटेन (Britain) की ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (Oxford-astrazeneca) का ब्लूप्रिंट (blueprint) रूस ने अपने जासूसों से चोरी कराया। चोरी की ब्लूप्रिंट से रूस ने पहले वैक्सीन बना लिया। ब्रिटेन के सुरक्षा एजेंसियों ने क्रेमलिन (Kremlin) के सीक्रेट एजेंट्स पर वैक्सीन प्रोडक्शन की पूरी प्लानिंग चुराने का आरोप लगाया है। एजेंसियों ने रिपोर्ट ब्रिटिश मंत्रियों को सौंप दी है।
Security Minister ने साइबर अटैक को बताई वजह
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि जब इस चोरी की रिपोर्ट पर ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री डमियन हिंद्स (Damian Hinds) से सवाल पूछा गया तो उन्होंने इन आरोपों की पुष्टि करने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि सायबर हमले पहले से तेज होते जा रहे हैं।
यह साफ नहीं कि चोरी फार्मा कंपनी की ब्लूप्रिंट हुई या वैक्सीन वायल
रिपोर्ट्स से यह भी बातें अभी साफ नहीं हो सकी हैं कि रूस के जासूसों ने ब्रिटेन से जो सीक्रेट डिजाइन चुराए हैं, वह फार्मा कंपनी के ब्लूप्रिंट थे या वैक्सीन का वायल। यही नहीं, हैकर्स ने मार्च 2020 की शुरुआत में ब्रिटिश वैज्ञानिकों के वैक्सीन के लिए रिसर्च शुरू करने के ऐलान के बाद ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी पर सायबर हमले किए थे। साइबर हमलों को लेकर कोविड काल से ही कई देशों में बड़ी बहस शुरू हो चुकी है। हालांकि, अभी दुनिया में साइबर अटैक या जासूसी को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है।
अप्रैल में वैक्सीन का हुआ था ह्यूमन ट्रायल
बता दें कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ने बीते साल अप्रैल में वैक्सीन के पहले ह्यूमन ट्रायल का ऐलान किया था। लेकिन रूस ने ब्रिटेन के ट्रॉयल के पहले ही दुनिया को पहला वैक्सीन दे दिया। रूस ने बीते साल अगस्त महीने में ही यह ऐलान कर दिया कि उसने दुनिया की पहली कोविड-19 वैक्सीन स्पूतनिक-वी बना ली है।
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