काशी क्षेत्र के अध्यक्ष महेश चंद श्रीवास्तव ने कहा कि इस बार विधान सभा चुनाव कोरोना के चलते तमाम बंदिशों के बीच होगा। हमें चुनाव आयोग की गाइडलाइन का शत प्रतिशत पालन करना है। ऐस में सभी व्यवस्थाएं गाइड लाइन के अनुरूप होंगी।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अखिलेश की सीट तो निकलती हुई दिख रही है लेकिन समाजवादी बेल्ट के आठों जिलों में वापसी अभी मुश्किल है। जनता तक केन्द्र सरकार की योजनाएं सीधे तौर पर पहुंच रही हैं, और लोग निजी लाभ को इतनी जल्दी नहीं भूलते।
वर्ष 2017 में मथुरा जिले की पांच सीटों में से चार पर विजयी पताका फहराने वाली बीजेपी इस बार संघर्ष के दौर से जुझ रही है। मथुरा-वृंदावन की सीट पर एसके शर्मा ने आकर चुनाव और भी दिलचस्प बना दिया है। एक लाख एक हजार 161 वोटों से जीतने वाली बीजेपी के लिए इस बार जीत की राह आसान नहीं है।
अखिलेश यादव इस सीट पर गठबंधन के खाते में प्रत्याशी घोषित कर अपना पल्ला झाड़ सकते हैं या फिर गुड्डू जमाली को टिकट देकर एक नया दांव खेलेंगे। यदि बसपा से सपा में आए गुड्डू जमाली को अखिलेश यादव उम्मीदवार बनाते हैं तो निश्चित तौर पर स्थानीय समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में कहीं ना कहीं से निराशा हाथ लग सकती है।
कांग्रेस हाइकमान का इशारा मिलते ही मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सक्रिय हो गए और आनन-फानन में पुलिस के आला अधिकारियों को बोल दिया गया कि विवादित वीडियो मामले में पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के खिलाफ कोई शिकायत आए तो तुरंत एफआइआर दर्ज की जाए।
कैंपियरंगज सीट से अभी भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस समेत किसी भी दल ने अभी अपने प्रत्याशी नहीं घोषित किए हैं। वहीं भाजपा विधायक फतेह बहादुर सिंह लगातार गांव-गांव जाकर जनसम्पर्क कर रहे हैं।
प्रियंका गांधी के करीबी और पूर्व सांसद इस बात का खंडन कर चुके हैं कि मैं कांग्रेस छोड़कर नहीं जा रहा हूं। लेकिन सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि कांग्रेस नेता पत्नी के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं। बीजेपी सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) के लिए घाटमपुर सीट छोड़ने के लिए तैयार तो हो गई है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव समर में जहां एक ओर सभी पार्टियां अपना पूरा जोर लगा रही हैं वहीं दूसरी ओर इस बार के चुनाव में राजनीतिक पार्टियां विरोधियों पर हमला बोलने के लिए सुरों का संग्राम छेड़ रही हैं।
इटावा लोकसभा के क्षेत्र में औरैया जनपद और कानपुर देहात भी जोड़ा गया है। इटावा में तीन विधानसभा सीट हैं। जिसपर इटावा सदर सीट पर बीजेपी की विधायक सरिता भदौरिया काबिज हैं। और आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इन्ही की प्रत्याशी भी बनाया है।
यूपी में योगीराज आने से पहले कैराना के बड़े कुख्यात अपराधी मुकीम काला की यहां सल्तनत चलती थी या व्यापारी अपनी सुरक्षा के लिए उसे रंगदारी देते थे और जो नहीं देते थे उनकी हत्या कर दी जाती थी। मुकीम काला और उसके गैंग के आतंक से परेशान होकर कैराना से कितने ही व्यापारी पलायन कर गए। कैराना की उन गलियों में भी सन्नाटा हो गया जहाँ कभी लोगों की भीड़ हुआ करती थी।