विकास दुबे का पुलिस विभाग से लेकर राजनीतिक गलियारों में भी दबदबा था। लोकसभा, विधानसभा या फिर पंचायत चुनाव हो विकास का दखनदाजी जरूर होती थी। सफेद पोश नेताओं का विकास की कोठी पर मजमा लगता था। चुनाव जीतने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता उसकी चौखट पर दस्तक देने के लिए जरूर जाते थे। विकास दुबे की बिल्हौर विधानसभा तूती बोलती थी। लेकिन उसके एनकाउंटर के बाद बिकरू समेत दर्जनों गांव में लोकतंत्र बहाल हो गया।