Jan ki Baat ने 15 मार्च से लेकर 11 अप्रैल तक रेंडम सैंपल मेथड से कर्नाटक के 20 हजार लोगों पर सर्वे किया। जब ये सर्वे किया जा रहा था तब बहुत सी पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए गए थे, नामों की घोषणा के बाद दूसरा सर्वे किया जाएगा।
ओपिनियन पोल जन की बात (Jan ki baat) में कर्नाटक के किस जोन में किस पार्टी की कैसी स्थिति है इसका सर्वे किया गया है। इसमें यह भी पता चला है कि किसे कितनी सीटें मिल सकती हैं।
‘जन की बात’ सर्वे के माध्यम से चुनावों से पहले या चुनाव के बाद लोगों की राय जानकर संभावित परिणामों की सटीक जानकारी देता है। कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर जन की बात ने एक ओपिनियन पोल भी जारी किया है।
PM मोदी पर बनाई डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन को लेकर विवादों में घिरे BBC के दिल्ली और मुंबई दफ्तर पर आयकर की कार्रवाई 60 घंटे तक चली। कुछ कर्मचारियों से तीन दिनों की लंबी पूछताछ के बाद आयकर अधिकारियों ने कार्यालयों को छोड़ दिया है।
इस सर्वे के मुताबिक ज्यादातर कंपनियों ने कहा कि इस साल के पहले क्वार्टर से लेकर छह महीनों तक कम छंटनी होगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में आर्थिक सर्वे (Economic Survey 2023) पेश करने के बाद चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने आर्थिक सर्वे 2023 (Economic Survey 2023) का ब्योरा पेश किया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में इकोनॉमिक सर्वे पेश किया। इस आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) में 2023-24 के लिए विकास दर 6 से 6.8% रहने का अनुमान जताया गया है। हालांकि, बेसलाइन एवरेज ग्रोथ 6.5% रखी गई है।
हाल ही में हुए एक सर्वे की बात करें तो वह सजेस्ट करता है कि 91% भारतीय महिलाएं प्रसव से पहले या प्रसव के बाद अवसाद का अनुभव करती हैं। हालांकि इनमें से केवल 33% महिलाएं ही मेडिकल असिस्टेंस पाती हैं। यह खुलासा मायलो के एक हालिया सर्वेक्षण के बाद सामने आया है।
अमेरिका की रटगर्स यूनिवर्सिटी ने 20-25 साल के युवाओं पर कंडोम की आदतों को लेकर एक सर्वे किया। यह सर्वे अमेरिका में हुआ। इसमें सामने आया कि बड़ी संख्या में युवा कंडोम की उपयोगिता जानते हुए भी इसका यूज नहीं करते हैं।
नम्मा फाउंडेशन ने बेंगलुरु में एक सर्वे कराया। 189 लोगों पर हुआ यह सर्वे ट्रैफिक रूल और ट्रैफिक साइन की जानकारी को लेकर था। इस सर्वे में पाया गया कि टूव्हीलर और ऑटो चालकों को ट्रैफिक साइन की काफी कम जानकारी थी।