Aaj Ka Panchang: 17 जुलाई, सोमवार को हरियाली अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र दिन भर रहेगा, जिससे धूम्र नाम का अशुभ योग बनेगा। इसके अलावा इस दिन व्याघात और हर्षण नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल सुबह 07:34 से 09:13 तक रहेगा।
Hariyali Amawasya 2023: धर्म ग्रंथों के अनुसार, अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देवता हैं। पितृ दोष होने पर अमावस्या तिथि पर कुछ विशेष उपाय करने से इसके अशुभ फल से बचा जा सकता है। इस बार हरियाली अमावस्या 17 जुलाई, सोमवार को है।
Hariyali Amawasya Ki Katha: श्रावण मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहते हैं। इस बार ये अमावस्या 17 जुलाई, सोमवार को है। सोमवार को अमावस्या तिथि होने से ये सोमवती अमावस्या भी कहलाएगी। इस पर्व से जुड़ी एक कथा भी है।
Somvati Amavasya 2023: इस बार सावन मास 4 जुलाई, मंगलवार से शुरू हो रहा है। इस बार सावन मास में हरियाली अमावस्या पर दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिसके चलते ये दिन बहुत की खास हो गया है। इस दिन कुछ खास उपाय करने से कई गुना फायदा मिल सकता है।
18 जून, रविवार को पहले मृगशिरा नक्षत्र होने से सौम्य नाम का शुभ योग और इसके बाद आर्द्रा नक्षत्र होने से ध्वांक्ष नाम का अशुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन गण्ड और वृद्धि नाम 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल शाम 5:30 से 7:10 तक रहेगा।
17 जून, शनिवार को पहले रोहिणी नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम का शुभ योग और इसके बाद मृगशिरा नक्षत्र होने से वज्र नाम का अशुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन अमृतसिद्धि, सर्वार्थसिद्धि, शूल और गण्ड नाम के 4 अन्य योग भी रहेंगे।
Halharini Amavasya 2023: आषाढ़ मास की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। इसका विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन पितरों की शांति के लिए पूजा-पाठ, श्राद्ध आदि कर्म किए जाते हैं। इस दिन हल की पूजा का महत्व है।
Kab Hai Jyestha Amavasya 2023: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। ये तिथि पितरों से संबंधित हैं। इस दिन पूजा, दान, यज्ञ और उपाय आदि करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर कई व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं।
Vaishakh Amavasya 2023: ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस तिथि के स्वामी पितृ देवता हैं। इस बार वैशाख मास की स्नान-दान अमावस्या 20 अप्रैल को है। इस दिन सूर्य ग्रहण भी होगा, लेकिन ये भारत में नहीं दिखेगा।
19 अप्रैल, बुधवार को पहले रेवती नक्षत्र दिन भर रहेगा, जिससे उत्पात नाम का अशुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा इस दिन वैधृति और विषकुंभ नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल दोपहर 12:26 से 2:01 तक रहेगा।