Shani Amavasya 2022 Date: इस बार 27 अगस्त, शनिवार को भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि रहेगी। इसे कुशग्रहणी अमावस्या कहते हैं। शनिवार को अमावस्या होने से ये शनिश्चरी अमावस्या कहलाएगी। धर्म ग्रंथों में शनिश्चरी अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है।
जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है, उन्हें अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस दोष के अशुभ प्रभाव को करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। पितृ दोष के उपाय वैसे तो कभी भी किए जा सकते हैं लेकिन अमावस्या तिथि इसके लिए उपयुक्त होती है।
आज (28 जुलाई, गुरुवार) हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022) है। धर्म ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। ये तिथि प्रकृति से संबंधित है। इसलिए इस दिन प्रकृति के निकट जाकर उसे समझने का प्रयास करना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एक महीने में दो पक्ष होते हैं- कृष्ण और शुक्ल। ये दोनों ही 15-15 दिनों के होते हैं। कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या होती है। इस तिथि का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इसे पितरों की तिथि भी कहते हैं।
इस बार 28 जुलाई, गुरुवार को श्रावण मास की अमावस्या है। इसे हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022) कहते हैं। धर्म ग्रंथों में इस अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। ये तिथि स्नान-दान, पूजा, उपाय, पितृ तर्पण आदि के लिए बहुत ही शुभ मानी गई है।
Hariyali Amavasya 2022: धर्म ग्रंथों में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस बार 28 जुलाई, गुरुवार को श्रावण मास की अमावस्या का योग बन रहा है। इसे हरियाली अमावस्या कहते हैं। इसे पितरों की तिथि कहा जाता है।
Hariyali Amavasya 2022: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस तिथि के देवता पितृ हैं। इसलिए ये तिथि पितृ कर्म जैसे श्राद्ध, तर्पण आदि के लिए बहुत शुभ मानी गई है। इस बार श्रावण मास की अमावस्या 28 जुलाई, गुरुवार को है।
Hariyali Amavasya 2022: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस तिथि के स्वामी पितृ देवता हैं। इस बार 28 जुलाई, गुरुवार को श्रावण मास की अमावस्या है। ग्रंथों में इसे हरियाली अमावस्या कहा गया है।
हर महीने में एक बार अमावस्या तिथि आती है। हिंदू धर्म में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस तिथि पर स्नान, दान और पितरों की पूजा का विशेष महत्व है। इस बार आषाढ़ मास में 2 अमावस्या (Ashadh Amavasya 2022) का योग बन रहा है।
हिंदू धर्म में कुछ तिथियां बहुत ही खास मानी गई हैं, अमावस्या भी इनमें से एक है। इस तिथि के स्वामी स्वयं पितृ देव है, यही कारण है कि इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि उपाय किए जाते हैं।