कृषि कानूनों के खिलाफ 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर मार्च के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा। किसानों के ट्रैक्टर मार्च के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। पुलिस मार्च को रोकना चाहती है, वहीं किसानों का कहना है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर मार्च निकालेंगे। रविवार को 40 किसान संगठनों का संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि वह 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। कृषि कानूनों को खत्म करने के लिए हम कुछ भी करने के लिए तैयार हैं।
केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ 53 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन पर डटे किसानों ने सरकार और सुप्रीम कोर्ट की सभी दलीलें ठुकराते हुए 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान कर दिया है। बता दें कि किसान दिल्ली-एनसीआर बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को किसानों की मीटिंग के बाद कहा कि सरकार को कृषि कानून वापस लेने ही पड़ेंगे। टिकैत ने 2024 तक आंदोलन करते रहने की बात भी कही है।
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है। इसी बीच आंदोलन में सिख फॉर जस्टिस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 40 लोगों को नोटिस भेजकर तलब किया है। इन 40 लोगों में संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य बलदेव सिंह सिरसा और पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू के नाम शामिल हैं।
माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स अब अमेरिका के सबसे बड़े किसान बन गए हैं। उन्होंने अमेरिका के 18 राज्यों में कुल 2 लाख 42 हजार एकड़ खेती की जमीन खरीदी है। इसके लिए उन्होंने 1,251 करोड़ रुपए चुकाए हैं। अब बिल गेट्स 2,68,984 एकड़ जमीन के मालिक हैं।
किसान नेता बालदेव सिंह सिरसा की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पूछताछ के लिए बुलाया है। उनसे ये पूछताछ भारत विरोधी संगठनों की ओर से कई एनजीओ को की गई फंडिंग को लेकर की जाएगी।
कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। इसी बीच मुद्दे को हल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी से भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह मान ने अपना नाम वापस ले लिया है। भूपेंद्र सिंह मान ने कहा कि वे किसानों के साथ हैं।
सोशल मीडिया पर एक और पोस्ट वायरल हो रही है। नमाज पढ़ते सिख (Sikh Man Praying Namaz Viral Picture) की एक तस्वीर ने लोगों का ध्यान खींचा है। दावा किया जा रहा है कि किसान आंदोलन की आड़ में जिहादी अपना एजेंडा चला रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की बेंच ने कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी। इसके अलावा कोर्ट ने मुद्दे को हल करने के लिए चार सदस्यों की कमेटी भी बनाई है। अब ऐसे में सवाल है कि क्या सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पिछले डेढ़ महीने से चला आ रहा किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा। या गणतंत्र दिवस पर किसानों की ओर राजपथ तक निकाले जाने वाले ट्रैक्टर मार्च का क्या होगा...आईए जानते हैं इनके जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों को लागू करने और किसानों की शिकायतों को देखने के लिए 4 सदस्यों की एक समिति का गठन किया। समिति में भारतीय किसान यूनियन के प्रेसिडेंट भूपेंद्र सिंह मान, शेतकारी संगठन के अनिल घनवंत, कृषि वैज्ञानिक अशोक गुलाटी और अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के प्रमोद के जोशी होंगे। जानते हैं कि इन चार लोगों का बैकग्राउंड क्या है और कृषि कानूनों पर इनकी क्या सोच है?
गरीब किसानों की हालत सुधारने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में प्रशासनिक गड़बड़ियों का बड़ा मामला सामने आया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उन किसानों ने भी खूब उठा लिया, जो इनकम टैक्स भरते हैं। यानी योजना के क्राइटेरिया में कहीं से भी फिट नहीं बैठते। इसका खुलासा कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव (CHRI) की राइट टू इनफार्मेशन(RTI) से हुआ है। इस तरह करीब 20 लाख अयोग्य किसानों को 1,368 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया।