सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून को औपनिवेशिक कानून बताते हुए कहा था कि इस कानून को निरस्त किया जाना चाहिए जिसने महात्मा गांधी व अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की आवाज को दबाया था। यह कानून गांधी, तिलक जैसों की आवाज को दबाने के लिए अंग्रेज इस्तेमाल करते थे।