वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रह का अस्त होना बहुत महत्वपूर्ण घटना है। ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार हर साल, कुछ दिनों के लिए आकाश में ग्रह दिखाई नहीं देते हैं क्योंकि वे सूर्य के बहुत करीब आ जाते हैं। इसे ग्रह का अस्त या लोप होना भी कहा जाता है।
जून 2020 में ग्रहों की चाल के अनुसार, ये महीना राजनैतिक उठापटक वाला रहेगा। शेयर मार्केट में मंदी हो सकती है। डीजल, पैट्रोल आदि में मामूली बढ़त हो सकती है। देश के कुछ हिस्सों में तेज बारिश के कारण जन-धन की हानि हो सकती है।
आज के समय में लड़का-लड़की के बीच प्रेम यानी अफेयर होना आम बात है। इनमें से कुछ अफेयर शादी में बदल जाते हैं तो कुछ रिश्ते बीच में खत्म हो जाते हैं।
27 मई को दिन भर पुष्य नक्षत्र रहेगा। इस दिन बुधवार होने से ये बुध पुष्य कहलाएगा। बुधवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग मातंग योग बनाता है। इस योग में कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो वंश वृद्धि व धन वृद्धि होती है। साथ ही व्यापार में भी लाभ होता है।
ज्योतिष में कुल 9 ग्रह बताए गए हैं, इनमें से 2 ग्रह राहु और केतु छाया ग्रह हैं। आमतौर पर इन्हें अशुभ ग्रह माना जाता है।
वर्तमान में ग्रहों का दुर्लभ योग बन रहा है। इस योग का असर सभी राशियों पर अलग-अलग रूप में देखने को मिलेगा। 14 मई से गुरु वक्री हो चुका है। इससे पहले शनि और शुक्र भी वक्री स्थिति में हैं। राहु-केतु हमेशा वक्री रहते हैं। इस तरह अब नौ में से पांच ग्रह वक्री हो गए हैं।
11 मई, सोमवार से शनि ग्रह अपनी स्वराशि मकर में वक्री हो चुका है। इसके बाद 13 मई को शुक्र भी वृषभ राशि में वक्री हो जाएगा। ये दोनों ग्रह अपनी-अपनी राशि में वक्री रहेंगे।
ज्योतिष की कई प्रचलित विद्याओं में से एक है लाल किताब। लाल किताब में भी ग्रहों के दोष और दुर्भाग्य दूर करने के लिए उपाय बताए गए हैं।
मई 2020 में कई ग्रहों की स्थितियां बदलने वाली है। इस माह में गुरु और शनि वक्री होंगे। मंगल राशि बदलेगा।
कई बार वास्तु व ग्रह अनुकूल होने पर भी मन अशांत, भ्रमित और व्याकुल हो जाता है। इसका कारण भवन का रंग भी हो सकता है। रंगों का अपना सिद्धांत होता है।