2019 का अंतिम माह दिसंबर शुरू हो गया है। इस माह में चंद्र के अलावा सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र राशि बदलेंगे। शेष चार ग्रह गुरु, शनि और राहु-केतु राशि नहीं बदलेंगे।
ज्योतिष में कुल 9 ग्रह बताए गए हैं, इनमें से 2 ग्रह राहु और केतु छाया ग्रह हैं। आमतौर पर इन्हें अशुभ ग्रह माना जाता है।
दिसंबर 2019 में साल का अंतिम सूर्यग्रहण होगा। इस महीने में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र राशि बदलेंगे। ग्रहों के इस परिवर्तन का असर सभी राशियों पर अलग-अलग दिखाई देगा।
भारतीय ज्योतिष में 12 राशियां मानी गई है। नाम के पहले अक्षर के अनुसार व्यक्ति की राशि तय की जाती है। यानी सभी लोग इन 12 राशियों में ही आते हैं। हर राशि की अपनी कुछ विशेषताएं हैं।
ज्योतिष की कई प्रचलित विद्याओं में से एक है लाल किताब। लाल किताब में भी ग्रहों के दोष और दुर्भाग्य दूर करने के लिए उपाय बताए गए हैं।
‘नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन’ नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन से पता चला है कि इथियोपिया के डॉलोल भू-तापीय क्षेत्र के गर्म, खारे, तालाबों में जीवन पूरी तरह से असंभव है।
21 नवंबर, गुरुवार को शुक्र राशि बदलकर धनु राशि में आ चुका है। इस राशि में पहले से ही शनि, केतु और बृहस्पति हैं। धनु राशि में चार ग्रह होने से चतुर्ग्रही योग बन रहा है।
17 नवंबर, रविवार को सूर्य राशि बदलकर तुला से वृश्चिक में प्रवेश करेगा। सूर्य के इस राशि परिवर्तन से धर्म का प्रचार बढ़ेगा। जनता को मंहगाई से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को व्रत किया जाता है, इसे गणेश चतुर्थी व्रत कहते हैं। इस बार यह व्रत 15 नवंबर, शुक्रवार को है।
4 नवंबर, सोमवार से गुरु राशि बदलकर वृश्चिक से धनु में प्रवेश कर चुका है। धनु गुरु के स्वामित्व वाली ही राशि है।