परेश रावल ने अपने ट्वीट में लिखा- म्यांमार से भारत -1769 किलोमीटर, म्यांमार से चीन- 2 किलोमीटर। लेकिन फिर भी रोहिंग्या भारत क्यों आना चाहते हैं, चीन क्यों नहीं जाना चाहते। दरअसल, भारत से इतर चीन में न तो कोई सेक्युलर है, न बुद्धिजीवी और न ही राष्ट्र विरोधी, जोकि रोहिंग्याओं का समर्थन करें।