Aaj Ka Panchang: 8 दिसंबर, गुरुवार को पहले रोहिणी नक्षत्र होने से उत्पात और उसके बाद मृगशिरा नक्षत्र होने से मृत्यु नाम के 2 अशुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इसके अलावा साध्य और शुभ नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे।
Dattatreya Jayanti 2022: पंचांग के अनुसार, महीने की अंतिम तिथि पूर्णिमा होती है। इस तिथि पर कई प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं। दत्तात्रेय जयंती भी इनमें से एक है। ये पर्व अगहन मास की पूर्णिमा पर किया जाता है। इस बार ये तिथि 7 दिसंबर, बुधवार को है।
Shakambhari Jayanti 2023: धर्म ग्रंथों के अनुसार, पौष मास की पूर्णिमा पर देवी शाकंभरी का जयंती पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 6 जनवरी, शुक्रवार को है। पुराणों में इस पर्व का विशेष महत्व बताया गया है। देवी शाकंभरी का वर्णन कई ग्रंथों में मिलता है।
16 मई 2022, दिन सोमवार को वैशाख पूर्णिमा तिथि सुबह लगभग 10 बजे तक रहेगी, इसके बाद वैशाख कृष्ण प्रतिपदा तिथि आरंभ हो जाएगी जो रात अंत तक रहेगी। इस दिन स्नान-दान पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा।
Aaj Ka Panchang: 8 नवंबर 2022 मंगलवार को भरणी नक्षत्र होने से मूसल नाम का अशुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा व्यातीपात और वरीयान नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल दोपहर 02:55 से शाम 04:18 तक रहेगा।
Sharad Purnima 2022: धर्म ग्रंथों के अनुसार, आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 9 अक्टूबर, रविवार को है। कुछ स्थानों पर इसे कोजागर या कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
इस बार 14 जून, मंगलवार को ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि है। इस वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत किया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, ये व्रत घर-परिवार की सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य के लिए किया जाता है।
15 मई 2022, दिन रविवार को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी दोपहर लगभग 12.45 तक रहेगी, इसके बाद पूर्णिमा तिथि आरंभ हो जाएगी, जो रात अंत तक रहेगी। इस दिन व्रत की पूर्णिमा रहेगी और कूर्म जयंती का पर्व भी मनाया जाएगा।
Purnima Tithi 2023 List: ज्योतिष शास्त्र में हर तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। हर तिथि का अलग देवता और स्वामी भी है। कुल 16 तिथियां ज्योतिष शास्त्र में बताई गई हैं। इनमें से पूर्णिमा भी एक है। इस तिथि पर कई व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं।
धर्म ग्रंथों में भगवान शिव का एक नाम त्रिपुरारी भी बताया गया है। भगवान शिव के इस नाम के पीछे एक बहुत ही रोचक कथा है। इसी कथा के आधार पर कार्तिक मास की पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा (Tripurari Purnima 2021) कहा जाता है। इस बार ये पूर्णिमा 19 नवंबर, शुक्रवार को है।