इस बार 30 अक्टूबर, शुक्रवार को शरद पूर्णिमा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों में अमृत होता है। इस दिन राशि अनुसार उपाय करने से किसी की भी किस्मत चमक सकती है, ये उपाय इस प्रकार हैं
आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा (30 अक्टूबर, शुक्रवार) कहते हैं। यह पूर्णिमा वर्ष में आने वाली सभी पूर्णिमा से श्रेष्ठ मानी गई है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणें अमृत रस के समान होती है। ऐसी मान्यता है कि श्रीकृष्ण ने शरद पूर्णिमा की रात को ही रासलीला रचाई थी।
आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। यूं तो हर माह में पूर्णिमा आती है, लेकिन शरद पूर्णिमा का महत्व उन सभी से कहीं अधिक है।
इस बार 1 अक्टूबर, गुरुवार को आश्विन के अधिक मास की पूर्णिमा है। धर्म ग्रंथों में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व बताया गया है और अधिक मास की पूर्णिमा तो 3 साल में एक बार आती है। इसलिए इसका महत्व और भी अधिक है।
इस बार 3 अगस्त, सोमवार को श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि है। इस दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करने और दान करने का विशेष महत्व है।
हिंदू धर्म में आषाढ़ मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस बार ये तिथि 5 जुलाई, रविवार को है।
जगन्नाथ पुरी में रथयात्रा के पहले का सबसे महत्वपूर्ण उत्सव पूर्णिमा स्नान शुक्रवार को हुआ।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विवाह के लिए गुरु ग्रह का अनुकूल होना अनिवार्य है। जिनकी कुंडली में गुरु अशुभ स्थान पर होता है, उन लोगों के विवाह में बहुत परेशानियां आती हैं।
धर्म ग्रंथों में वैशाख को सबसे श्रेष्ठ मास बताया गया है। वैशाख मास की पूर्णिमा भी बहुत ही खास होती है। इस बार 7 मई, गुरुवार को वैशाखी पूर्णिमा है।
इस बार 9 फरवरी, रविवार को माघ मास की पूर्णिमा है। इसे माघी पूर्णिमा कहते हैं।