इस बार माघी पूर्णिमा 9 फरवरी, रविवार को है। माघी पूर्णिमा पर तीर्थ की नदियों में स्नान का महत्व है, खासतौर पर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के संगम तट पर स्नान का विशेष महत्व है। यहां माघ में कल्पवास की परंपरा है।
पौष पूर्णिमा पर स्नान के बाद से आज से माघ मेले की शुरूआत हो गई। प्रयागराज स्थित संंगम में अल सुबह आस्था का सैलाब उमड़ा हुआ दिखाई दिया। जिसमें 32 लाख श्रद्धालुओ ने डुबकी लगाए। इन सब के इतर भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।
इस बार 10 जनवरी, शुक्रवार को पौष मास की पूर्णिमा है। इसे शाकंभरी पूर्णिमा भी कहते हैं।
धर्मनगरी काशी में कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर मंगलवार सुबह गंगा घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा घाटों पर डुबकी लगाई
धर्म ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा (इस बार 12 नवंबर, मंगलवार) को भगवान शिव ने तारकाक्ष, कमलाक्ष व विद्युन्माली के त्रिपुरों का नाश किया था।
इस बार 12 नवंबर, मंगलवार को कार्तिक मास की पूर्णिमा है। हिंदू ग्रंथों में इस तिथि को बहुत ही पवित्र माना गया है। ये कार्तिक मास का अंतिम दिन होता है। इस दिन किए गए दान, जपादि का दस यज्ञों के समान फल प्राप्त होता है।
इस बार 13 अक्टूबर, रविवार को शरद पूर्णिमा है। धर्म शास्त्रों में इसे कोजागर पूर्णिमा भी कहा गया है।
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस पूर्णिमा पर महालक्ष्मी की आराधना कर व्रत भी किया जाता है।
आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। यूं तो हर माह में पूर्णिमा आती है, लेकिन शरद पूर्णिमा का महत्व उन सभी से कहीं अधिक है।
गुरु पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा की जाए तो गुरु ग्रह से संबंधित दोष कम होते हैं और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।