छात्रनेता रविंद्र सिंह भाटी का राजनीतिक करिअर को पंख लगने ही वाले थे लेकिन भाजपा ने उड़ान भरने का मौका ही नहीं दिया। टिकट का चक्कर में 7 दिन पहले ही रविंद्र सिंह भाटी भाजपा में शामिल हुए। लेकिन अब भाजपा ने उनको टिकट ही नहीं दिया।
कहते हैं जिसका कोई नहीं उसका खुदा होता है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस के बागी नेताओं के साथ कहावत कुछ अलग हो गई है। दोनों पार्टियों के कुल 6 बागी नेताओं को हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी टिकट दिया है।
भाजपा के कद्दावर प्रत्याशियों पर नजर रखने के लिए कांग्रेस ने तेज तर्राट प्रवक्ताओं को तैनात किया है। ताकि वे उनकी हर गतिविधि पर नजर रख सकें।
एमपी की राजनीति में 1975 में आई फिल्म शोले के जय वीरू और गब्बर की एंट्री हो गई है। यहां तक की नेता बसंती और गब्बर का नाम लेकर भी एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।
आरएलपी की ओर से जारी की गई तीसरे लिस्ट में मात्र दो सीटों पर प्रत्याशी तय किए गए हैं। फिलहाल हनुमान बेनीवाल की पार्टी छोड़कर उनके करीबी नेता उदयलाल डांगी ने भाजपा ज्वाइन किया है। वहीं भाजपा के नेता के ओएसडी बीएल भाटी को आरएलपी ज्वाइन कराया गया है।
नामांकन फार्म भरने के बाद चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गए भाजपा नेता, मंत्री की बेटी, पूर्व विधायक सहित अन्य 14 प्रत्याशियों को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि रिटर्निंग अधिकारी ने इनके नामांकन फार्म निरस्त कर दिए हैं।
भाजपा की ओर से आज तीसरी लिस्ट जारी हो सकती है, लेकिन सवाल ये है कि इस सूची में भी पुराने नेताओं को ही रिपीट किया जाएगा या फिर नए चेहरों को मौका दिया जाएगा।
कांग्रेस ने इस बार टिकट वितरण को लेकर काफी मंथन किया है। इसके बाद भी प्रत्याशियों का विरोध हो रहा है। पाली से कांग्रेस ने सात में से 6 चुनाव हारने वाले नेता को टिकट दिया है। जबकि भाजपा ने इस सीट पर 5 बार से लगातार जीत रहे विधायक को टिकट दिया है।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के खास दोस्त सांवरमल महरिया ने भाजपा का दामन थाम लिया है। वह शेखावटी से चुनाव लड़ सकते हैं। इससे कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई है।
तेलंगाना के सीएम केसीआर के विधायक ने लाइव टीवी डिबेट में भाजपा नेता पर हमला किया। उनके साथ हाथापाई की। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है।