महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने मिलकर सरकार तो बना ली, लेकिन शपथ ग्रहण के बाद शिवसेना को झटका लगा है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक शिवसेना के लगभग 400 कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं।
राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट किया, ''कुछ दिग्गज कारोबारी असुरक्षित हैं, हां। इसका कारण है कि अब यूपीए सरकार वाले सुनहरे दिन खत्म हो गए हैं, जिनमें इन दिग्गजों का सरकार और उसकी नीतियों पर प्रभाव रहता था।''
महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बाद बनी शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की आज अग्नि परीक्षा है। विधानसभा में उद्धव सरकार का आज दोपहर 2 बजे बहुमत परीक्षण है। इससे पहले गठबंधन में उप मुख्यमंत्री को लेकर फंसा पेंच भी हल हो गया है।
महाराष्ट्र में 30 दिनों से चल रहे सियासी ड्रामे में शनिवार की सुबह बड़ा बदलाव दिखा। सुबह-सुबह खबर आई कि देवेंद्र फड़णवीस ने सीएम पद की शपथ ली और एनसीपी नेता अजित पवार डिप्टी सीएम बने हैं। 30 नवंबर तक बहुमत साबित करना है। लेकिन शपथ ग्रहण के बाद भी सियासी ड्रामा थमा नहीं है।
महाराष्ट्र में सरकार गठन पर पेंज फंसा हुआ है। जहां एक तरफ शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के साथ आने के कयास लगाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ भाजपा भी सरकार बनाने की बात कर रही है। लेकिन सरकार बनाने का आंकड़ा किसी के पास नहीं है।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी शिवसेना ने एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है। शिवसेना ने अपने मुख्यपत्र सामना के जरिए भाजपा नेताओं के बयानों पर तंज कसा है।
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं। राज्य में जारी गतिरोध के बीच राज्य की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा शांत है और राजनीतिक उठा पटक पर नजर बनाए हुए है।
भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने कहा कि भाजपा राज्य में सरकार बनाने की कोशिश जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में देवेंद्र फडणवीस काम कर रहे हैं। राणे ने कहा, मैं पार्टी का नेता होने के नाते सरकार बनाने में मदद करूंगा।
भाजपा द्वारा सरकार बनाने के इंकार के बाद शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस की मदद से सरकार बनाने की तैयारी कर ली है। जिसके बाद मोदी सरकार में शिवसेना के इकलौते केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने सोमवार सुबह ट्वीट कर इस्तीफा देने का ऐलान किया है।
संजय राउत ने कहा, ढाई-ढाई साल सीएम पद के लिए गठबंधन के दौरान ही बात हुई थी और महाराष्ट्र का जनादेश उसी के लिए है। बीजेपी राष्ट्रपति शासन बनाने के हालात पैदा कर रही है। यह संविधान बनाने वाले बाबा साहेब भीमराव आबंडेकर का अपमान है। आप राज्यपाल से मिलकर आए हैं। आपको उन्हें 145 विधायकों की लिस्ट सौंपनी चाहिए थी।