रविवार को एनसीपी नेता अजीत पवार ने बगावत कर एनडीए के समर्थन में आ गए। बगावत के कुछ ही मिनट बाद उनको महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी गई साथ ही उनके साथ गए 8 अन्य विधायकों को भी मंत्री बना दिया गया।
शरद पवार ने कहा कि बागियों को उनकी जगह जल्द दिखा दी जाएगी। बीजेपी समाज में डर का माहौल बनाए हुए है। वह राजनीति को गंदा कर रही है।
NCP में टूट के बाद सोमवार को शरद पवार ने रैली कर शक्ति प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को अपनी एकता दिखानी होगी। भाजपा चुनी हुई सरकारों को गिरा रही है।
लोकसभा चुनाव 2024 (2024 Lok Sabha Polls) से पहले एनसीपी में फूट हो गई है। भतीजे अजित पवार की बगावत से शरद पवार की पार्टी संकट में है। इससे विपक्षी एकता और लोकसभा चुनाव को लेकर उनकी तैयारी भी प्रभावित हो रही है।
एनसीपी के स्थापना दिवस पर पार्टी चीफ शरद पवार ने दो कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की थी। एक कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले को बनाया तो दूसरा कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को बनाया।
रविवार को एक नाटकीय परिदृश्य में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजीत पवार 8 अन्य विधायकों के साथ एनडीए ज्वाइन करने का ऐलान किया। वह अचानक से राजभवन पहुंचे। समर्थन लेटर राज्यपाल को सौंपा और खुद उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
महाराष्ट्र का ताजा घटनाक्रम यह है कि वहां अजीत पवार ने एनसीपी विधायकों का समर्थन हासिल करके डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली है। अब दलबदल कानून को लेकर सवाल हो रहे हैं कि आखिर इसका अंजाम क्या होगा।
भतीजे के एक बार फिर अचानक से बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के साथ उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए जाने पर पवार ने कहा कि मैंने कल पार्टी नेताओं की एक बैठक बुलाई है और वहां हम इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
एनसीपी लीडर शरद पवार ने कहा कि 13-14 जुलाई को विपक्षी दल जुटेंगे और 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण मंथन करेंगे।
पटना में मुख्यमंत्री निवास में महागठबंधन की महाबैठक खत्म हो गई है। इस बैठक में शामिल हुए करीब 15 पार्टियों के नेताओं का उद्देशय था कि 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ लड़ना। साथ ही पीएम मोदी को प्रधानमंत्री नहीं बनने देना है।