Shiv Sena Election symbol battle: बाल ठाकरे की शिवसेना दो गुटों में बिखर चुकी है। महाराष्ट्र में दशकों से सत्ता की चाबी को अपने पास रखने वाले ठाकरे परिवार की पकड़ सूबे की राजनीति में कमजोर पड़ चुकी है। बाला साहेब के नाम पर राजनीति शुरू करने वालों ने ही उनके बेटे को खुली चुनौती दे रखी है। आलम यह कि पार्टी भी हाथ से निकलती दिख रही है।
शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत के घर पर रविवार सुबह ईडी की टीम पहुंची। ईडी के अधिकारी संजय राउत को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ कर सकते हैं। उनसे पात्रा चॉल जमीन घोटाला केस में ईडी के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सत्ता से अलग होने के बाद पहली बार इंटरव्यू दिए हैं। शिवसेना के मुखपत्र शिवसेना को दिए गए अपने इंटरव्यू में ठाकरे ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिंदे का पार्टी से अलग होना सड़े हुए पत्तों का पेड से अलग होने सरीखा है।
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद सियासत शुरू हो गई थी। शिंदे की बगावत से उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ा था। वहीं, बीजेपी ने एकनाथ शिंदे का समर्थन किया था जिसके बाद वो राज्य के नए सीएम बने थे।
चुनाव आयोग को लिखे पत्र में टीम शिंदे ने दावा किया कि उसके पास 55 में से 40 विधायकों और 18 लोकसभा सांसदों में से 12 का समर्थन है। इसलिए शिवसेना पर उनका हक है। जबकि उद्धव ठाकरे गुट का दावा है कि संगठन पर पूरा होल्ड उनका है। कुछ विधायक या एमपी के जाने की वजह से संगठन किसी अन्य का नहीं हो सकता।
नए नेता राहुल शेवाले ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे पिछले साल ही बीजेपी के साथ आना चाहते थे लेकिन अचानक से मुकर गए। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी बाला साहेब ठाकरे के आदर्शों पर चलेगी।
शिवसेना के 40 विधायक और 12 सांसद बागी हो गए हैं। बागी गुट के नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सांसदों और विधायकों का बहुमत अपने पक्ष में दो तिहाई से ज्यादा होने पर दावा किया है कि अब शिवसेना उनकी है।
महाराष्ट्र में हुई राजनीतिक उथलपुथल के बीच फिलहाल दशकों से चला आ रहा ठाकरे परिवार का दबदबा कम हो चुका है। शिवसेना बिखर चुकी है। दो हिस्सों में बंटी पार्टी में फिलहाल खींचतान खत्म नहीं हुआ है। बुधवार को दोनों गुटों के आरोपों व दावों पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने वाला है।
महाराष्ट्र की ढाई साल पुरानी महा विकास अघाड़ी सरकार (एमवीए) बीते जून महीने में संकट में आ गई थी। शिवसेना के करीब 39 विधायकों ने एकनाथ शिंदे की अगुवाई में बगावत करके बीजेपी से हाथ मिला ली थी।
शिंदे ने कहा कि राज्य में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी संयुक्त रूप से चुनाव लड़ेगी और चुनाव में 200 सीटें मिलेंगी। बता दें कि एकनाथ शिंदे, भाजपा के समर्थन से नए सीएम बने हैं।