Sarva Pitru Amavasya 2022: धर्म ग्रंथों के अनुसार, श्राद्ध पक्ष की हर तिथि का अपना अलग महत्व होता है। इस बार श्राद्ध पक्ष 25 सितंबर तक रहेंगे यानी इसी दिन सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या रहेगी। ये श्राद्ध पक्ष की सबसे खास तिथि है।
Shraddh Paksha 2022: इन दिनों श्राद्ध पक्ष चल रहा है, जो 25 सितंबर तक रहेगा। श्राद्ध से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं हमारे समाज में प्रचलित हैं। उसी में से एक मान्यता ये भी है कि श्राद्ध के दौरान खरीदी नहीं करनी चाहिए।
Kunwara Panchani 2022: धर्म ग्रंथों में श्राद्ध की अलग-अलग तिथियों का महत्व बताया गया है। किस तिथि पर किसका श्राद्ध प्रमुख रूप से करना चाहिए, इसका वर्णन भी पुराणों में है। इसी क्रम में श्राद्ध पक्ष की पंचमी तिथि को कुंवारा पंचमी कहते हैं।
Shraddha Paksha 2022: हिंदू धर्म ग्रंथों में श्राद्ध के लिए कई तीर्थों का वर्णन किया गया है। इनमें से गया भी एक है। ये तीर्थ बिहार में स्थित है। यहां फल्गू नदी है जिसके तट पर श्राद्ध करना श्रेष्ठ माना गया है। गया से संबंधित कथा कई ग्रंथों में मिलती है।
Aaj Ka Panchang: 12 सितंबर, सोमवार को पहले उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से गद और उसके बाद रेवती नक्षत्र होने से मातंग नाम के 2 शुभ योग इस दिन बनेंगे। इसके अलावा गण्ड और वृद्धि नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे।
देशभर में 15दिनी श्राद्ध पक्ष की शुरूआत शनिवार से हो गई है। इसके पहले दिन ही राजस्थान के सीकर जिले से एक हंगामे वाली खबर आ गई। यहां श्राद्ध खाने गए लोगों में 50 को फूड प्वॉजिनंग की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार अनंत चतुर्दशी के बाद पितृपक्ष या श्राद्ध आता है। इस समय विशेष रूप से तैयार भोजन तैयार करके और चढ़ाकर अपने पूर्वजों के प्रति अपना धन्यवाद व्यक्त किया जाता है। आइए हम आपको बताते हैं, कि पितृपक्ष को दौरान आपको क्या बनाना चाहिए।
Shraddha Paksha 2022:धर्म ग्रंथों के अनुसार, पितृ पक्ष में श्राद्ध, तर्पण आदि करने से कई तरह के शुभ फल हमें प्राप्त होते हैं। इसके संबंध में कई धर्म ग्रंथों में बताया गया है। महाभारत में इसके संबंध विस्तृत जानकारी मिलती है।
Shraddha Paksha 2022: भाद्रपद मास की पूर्णिमा से अश्विन मास की अमावस्या तक श्राद्ध पक्ष होता है। इन 16 दिनों में पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि किया जाता है। इसे पितृ पक्ष भी कहते हैं।
Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष के 16 दिनों में श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि कार्य करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। इस दौरान दान का भी बहुत महत्व है। मान्यता है कि दान से पितरों की आत्मा को संतुष्टि मिलती है और पितृ दोष भी खत्म हो जाते हैं।