साल 2020 का अंतिम सूर्यग्रहण 14 दिसंबर, सोमवार को होगा। हालांकि भारत में ये ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक आदि नियम यहां मान्य नहीं होंगे, लेकिन जिन देशों में ये ग्रहण दिखाई देगा, वहां सूतक से जुड़े नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
साल 2020 का अंतिम सूर्यग्रहण 14 दिसंबर, सोमवार को होगा। ये खण्डग्रास सूर्यग्रहण होगा। भारत में दिखाई न देने से यहां सूतक आदि की कोई मान्यता नहीं होगी।
मंगलवार से अंग्रेजी कैलेंडर का अंतिम महीना दिसंबर शुरू हो गया है। इसी दिन से हिन्दी पंचांग का अगहन मास शुरू हुआ है। जानिए इस माह में कब कौन से खास पर्व आ रहे हैं ।
इस बार 21 जून, रविवार को आंशिक सूर्यग्रहण का योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण का मानव जीवन पर भी शुभ-अशुभ प्रभाव होता है।
इस बार 21 जून को आषाढ़ मास की अमावस्या है। इसे हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। इस अमावस्या पर स्नान, दान, श्राद्ध व व्रत का विशेष महत्व हमारे धर्म ग्रंथों में लिखा है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ महीने की अमावस्या 21 जून को आ रही है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इस पर्व का विशेष महत्व है। इसे हलहारिणी अमावस्या कहते हैं।
21 जून, रविवार को आंशिक सूर्यग्रहण ग्रहण होगा। ये ग्रहण सुबह 10.14 बजे शुरू होगा और दोपहर 1.38 बजे खत्म होगा।
तंत्र शास्त्र में ग्रहण का विशेष महत्व है। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान किया गया कोई भी उपाय जल्दी ही शुभ फल प्रदान करता है। इस बार 21 जून, रविवार को साल का पहला सूर्यग्रहण होने जा रहा है।
इस बार आषाढ़ मास की अमावस्या यानी 21 जून, रविवार को साल का पहला सूर्यग्रहण होने वाला है। ये पूर्ण सूर्यग्रहण न होकर आंशिक यानी खण्डग्रास है।
इस बार आषाढ़ मास की अमावस्या (21 जून, रविवार) को आंशिक सूर्यग्रहण है। तंत्र शास्त्र के अनुसार, ग्रहण के दौरान किए गए उपाय बहुत ही जल्दी शुभ फल प्रदान करते हैं।