सार
आचार्य चाणक्य ने लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्र अपनी नीति में बताए हैं। इन नीतियों को अपनाकर हम अपनी समस्याएं दूर कर सकते हैं।
उज्जैन. आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिस प्रकार घिसने, काटने, आग में तापने-पीटने, इन चार उपायों से सोने की परख की जाती है, उसी प्रकार 4 बातों को देखकर किसी भी व्यक्ति के स्वभाव के बारे में जाना जा सकता है।
1. त्याग की भावना
किसी भी व्यक्ति को परखने के लिए उसमें सबसे पहले त्याग की भावना को देखना चाहिए क्योंकि इस व्यक्ति में ये भाव होता है, वह सच्चा और दूसरों का साथ देने वाला होता है। ये भाव कम ही लोगों में पाया जाता है।
2. शील
शील यानी नैतिक व्यवहार, मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, हमारे आस-पास और भी लोग रहते हैं, जिनसे हमारा संपर्क होता है। किसी व्यक्ति के दूसरे लोगों के प्रति कैसा व्यवहार है, इसका आकलन कर उसके स्वभाव के बारे में आसानी से जाना जा सकता है।
3. गुण
गुण यानी निजी विशेषताएं, कुछ लोगों में जन्मजात गुण या अवगुण पाए जाते हैं। यानी वही उनका वास्तविक स्वभाव होता है। व्यक्ति के गुणों के आधार पर भी उसके अच्छे से परखा जा सकता है।
4. कर्म
कर्म यानी वो दैनिक जीवन यापन के लिए किया जाने वाला कार्य। कोई व्यक्ति ईमानदारी से मेहनत करके अपने परिवार का भरण-पोषण करता है तो कोई बेईमानी से। इसके आधार पर भी व्यक्ति और उसके स्वभाव को परखा जा सकता है।
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