Sankashti Chaturthi March 2023: इस बार 11 मार्च, शनिवार को संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाएगा। इस व्रत में भगवान श्रीगणेश के साथ-साथ चंद्रमा भी पूजा भी की जाती है। इस दिन कुछ खास उपाय किए जाएं तो हर तरह की परेशानी से बचा जा सकता है।
Simantonnayana Sanskar: हिंदू धर्म में 16 संस्कार निभाए जाते हैं। इनमें से कुछ संस्कार तो मां के गर्भ में ही पूरे कर लिए जाते हैं। ऐसा ही एक संस्कार है सीमन्तोन्नयन, जिसे वर्तमान में गोदभराई और बेबी शावर के नाम से जाना जाता है।
Astrology Tips: रोज सुबह उठकर 5 काम करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है साथ ही साथ पैसों से जुड़ी समस्या भी दूर होती है। ये काम बहुत आसान हैं, जिन्हें कोई भी कर सकता है।
11 मार्च, शनिवार को पहले चित्रा नक्षत्र होने से काण नाम का अशुभ योग और इसके बाद स्वाती नक्षत्र होने से सिद्धि नाम का शुभ योग बनेगा। इनके अलावा सर्वार्थसिद्धि, ध्रुव और व्याघात नाम के 3 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल सुबह 9:40 से 11:08 तक रहेगा।
अंक ज्योतिष भी वैदिक ज्योतिष की तरह ही लोगों के भविष्य के बारे में बताता है। इतना ही नहीं लाइफ में चल रही परेशानियों का हल जानने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है। इसे अंग्रेजी में न्यूमरोलॉजी भी कहते हैं।
11 मार्च, शनिवार को चैत्र कृष्ण चतुर्थी तिथि है। इस दिन पहले चित्रा नक्षत्र होने से काण नाम का अशुभ योग और इसके बाद स्वाती नक्षत्र होने से सिद्धि नाम का शुभ योग बनेगा। इनके अलावा सर्वार्थसिद्धि, ध्रुव और व्याघात नाम के 3 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे।
Shubh Rajyog in 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की युति और विशेष स्थितियों के कारण कई शुभ-अशुभ योग बनते हैं। इस समय ग्रहों की विशेष स्थितियों के कारण एक नहीं बल्कि 5 राज योग बन रहे हैं, जो कुछ राशि वालों के लिए बहुत फायदेमंद हैं।
Palmistry: वैसे तो हमारी हथेली में कई रेखाएं हैं लेकि इन सभी में जीवन रेखा को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। जीवन रेखा पर बने छोटे-छोटे निशान भी हमारे जीवन पर अच्छा-बुरा असर डालते हैं।
Shivaji Maharaj Jayanti March 2023: शिवाजी महाराज ने मुगलों से देश को आजाद करवाने के लिए कई युद्ध किए। यहां तक कि अपना पूरा जीवन ही देश को समर्पित कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, उनका जन्म चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को हुआ था।
Sankashti Chaturthi March 2023: चैत्र मास की संकष्टी चतुर्थी को लेकर इस बार असमंजस की स्थिति बन रही है। कुछ पंचांगों में संकष्टी चतुर्थी 10 मार्च को बताई गई है तो कुछ में 11 मार्च। इस वजह से दोनों दिन ये व्रत किया जाएगा।